आप अभी गैस एजेंसी पर जाकर सिलेंडर बुक कराते हैं, तो आदत बदल लीजिए। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस एजेंसियों को डिजिटल बुकिंग का निर्देश दिया है। इसके साथ सिलेंडर घर पहुंचने पर डिलिवरी ओथेंकेटिंग (प्रमाणीकरण) कोड (डीएसी) भी जरूरी होगा। इसलिए, गैस एजेंसियों पर डिजिटल बुकिंग करने का दबाव है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की तरफ से दिए गए डिजिटल बुकिंग लक्ष्य के मुताबिक गैस एजेंसियों को जुलाई से कम से कम अस्सी फीसदी बुकिंग डिजिटल तरीके से करनी होगी। मतलब बुकिंग के लिए एमएसएम, आईवीआरएस या व्हाट्सएप के साथ मोबाइल एप के जरिए सिलेंडर बुक करना होगा। एजेंसियों से कहा गया है कि सिलेंडर की डिलिवरी करने वाले कर्मचारी को अपने मोबाइल एप पर उपभोक्ता के मोबाइल पर आए डिलिवरी ओथेंकेटिंग कोड (डीएसी) को दर्ज करना होगा। कंपनियों का कहना है कि एप पर डीएसी दर्ज करने से लोकेशन भी दर्ज हो जाएगी ताकि सिलेंडर सही व्यक्ति तक पहुंच जाए।
इसके साथ तेल कंपनियों ने गैस एजेंसियों को डिजिटल पेमेंट (भुगतान) का भी लक्ष्य दिया है। बड़े शहरों में एक जुलाई से कम से कम 60 फीसदी उपभोक्ताओं का डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। छोटे शहरों में सितंबर से कम से कम पचास फीसदी डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी शामिल नहीं हैं।
डिलिवरी करने वालों को आ रही दिक्कत
पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से जारी इन दिशानिर्देशों की वजह से घर पर सिलेंडर पहुंचाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। एक गैस एजेंसी के प्रबंधक ने कहा कि कोरोना की वजह से लोग सिलेंडर भी घर के बाहर रखवा लेते हैं। ऐसे में डिलिवरी बॉय को उपभोक्ताओं को डिजिटल बुकिंग और पेमेंट के बारे में समझाना मुश्किल हो रहा है जबकि तेल कंपनियों ने दो माह का लक्ष्य दिया है। कंपनियों को समय का ध्यान रखना चाहिए।
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