क्या आप भी है मानसिक तनाव और डिप्रेशन से ग्रस्त, तो अपने मोबाइल के उपयोग को लेकर जरुर जान ले ये जरुरी बात.



प्रातः काल उठते ही मोबाइल का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. साथ ही यह व भी तरह से नुकसान पहुंचाता है.
तनाव व चिंता
हमेशा अपने दिन की आरंभ बिना किसी तनाव व चिंता के शांति से करना बेहतर होता है. अगर प्रातः काल उठते ही मोबाइल हाथ में लिया तो फोन मैसेजेस, ई-मेल्स, रिमांडर, इंस्टाग्राम पोस्ट्स आदि से भरा होता है, जो चिंता व तनाव की वजह बन सकता है. नींद से उठते ही अगर सोशल मीडिया चेक करने लगते हैं तो दिमाग उसी में बंध जाता है व गैर-जरूरी जानकारियों से भर जाता है. दिन की आरंभ तनाव व चिंता से करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा कतई नहीं है.


डिप्रेशन की आशंका
रात को सोते समय भी मोबाइल व उठते समय भी मोबाइल देखने वालों के साथ तो स्थिति व बेकार हो सकती है. नियमित रूप से ऐसा रूटीन अनुसरण करने वाले डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं. इसकी वजह तुलना भी हो सकती है. प्रातः काल उठते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप स्टेटस आदि देख लेने से कई बार लोग तुलना में फंस जाते हैं. दूसरों की जीवनशैली देखकर परेशान हो जाते हैं व खुद से तुलना करने लगते हैं, जिसकी वजह से डिप्रेशन की स्थिति तक आ सकती है.


चिड़चिड़ापन बढ़ता है
प्रातः काल उठते ही मोबाइल फोन चेक करते हैं तो न चाहते हुए भी चिड़चिड़ापन आ जाता है. प्रातः काल के रूटीन की आरंभ मोबाइल से होने पर स्वभाव में परिवर्तन आ सकता है. इसका कारण यही है कि प्रातः काल उठकर मोबाइल में अलग कोई ऐसी बात देख ली जो निगेटिव है तो इसका सीधा प्रभाव मूड पर पड़ता है. बात-बात पर गुस्सा आना भी इसकी वजह से होने कि सम्भावना है.


कार्यक्षमता पर असर
प्रातः काल का पहला कार्य मोबाइल देखना हो तो नोटिफिकेशन देखने के बाद कई बाद दिमाग उसी संबंध में सोचने लगता है. इससे दूसरे कार्य में मन नहीं लगता व ऐसा होने पर कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है.


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