‘वंदे भारत मिशन’ में ड्यूटी करने वाले पायलटों का छलका दर्द, भुगतान को लेकर नाराज



फ्लाइंग ऑवर्स के ही भुगतान की कथित पेशकश से नाराज पायलट


पायलट एसोसिएशन ने प्रबंधन को आपत्ति जताते हुए लिखा था पत्र


राष्ट्रीय वाहक ‘एयर इंडिया’ के साथ पहली नजर में सब ठीक लगता है. एयरलाइन ‘वंदे भारत मिशन’ को लेकर सुर्खियों में है. इसके पायलट संकट के वक्त ड्यूटी को लेकर अपने साहस और समर्पण के लिए सभी वर्गों से प्रशंसा हासिल कर रहे हैं.

केबिन क्रू जो अक्सर विभिन्न वजहों से आलोचना का सामना करते थे, अब अपनी प्रतिबद्धता के लिए बधाई संदेश पा रहे हैं. लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक पहलू है. दूसरा पहलू एयर इंडिया के कर्मचारियों के मुताबिक दुखद और निराशाजनक है.

कर्मचारियों का कहना है कि मौजूदा संकट (महामारी) ने एयरलाइन को भारी आर्थिक संकट में डाल दिया है. ये कब तक चलेगा ये भी निश्चित नहीं है. एयरलाइन स्टाफ के दावे के मुताबिक, उनसे जो बर्ताव किया जा रहा है वो सही नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, पायलटों को परेशान करने वाला ताजा मामला नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिला संकेत है. इसके मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन प्रबंधन को पायलटों को ‘एक्चुअल फ्लाइंग आवर्स’ यानि वास्तविक उड़ान घंटों के हिसाब से ही भुगतान की पेशकश करने को कहा है.

एक ओर मातृभूमि की सेवा, दूसरी ओर शर्मनाक बर्ताव

एयर इंडिया के एक पायलट ने पहचान नहीं बताने की शर्त पर आजतक/इंडिया टुडे से कहा कि प्रबंधन की ओर से ये कर्मचारियों का मखौल उड़ाने जैसा था. पायलट ने कहा, “तो एक तरफ हम सबसे आगे लड़ने वाले कोविड वॉरियर्स हैं, हमें बताया जाता है कि हम संकट के समय अपनी मातृभूमि की सेवा करने के लिए महान कार्य कर रहे हैं. और दूसरी ओर हमसे जो बर्ताव किया जा रहा है वो शर्मनाक है.”

एक अन्य पायलट ने कहा, “यह बहुत ही निराशाजनक है. इस तरह की पेशकश मानने का कोई सवाल ही नहीं है. हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि प्रबंधन हमें ऐसा महसूस नहीं होने दे कि हम इस्तेमाल किए गए टिश्यू पेपर की तरह है.’’

4 जून को पायलट बॉडी के एक आंतरिक कम्युनिकेशन में कहा गया, “हमने Covid-19 के मौजूदा हालात में ‘वंदे भारत मिशन’’ का संचालन करते हुए पायलटों के सामने आने वाली कठिनाइयों को व्यक्त किया. ये स्थितियां शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से चुनौतीपूर्ण है. खासकर ऐसे समय में जब हमारे कई पायलट Covid-19 टेस्ट पॉजिटिव आ चुके हैं. हमने अपने उन मुट्ठी भर पायलटों को मार्च के फ्लाइंग भत्ते तत्काल देने की मांग की जो वास्तविक कारणों से समझौते की शर्त को संतुष्ट नहीं कर सके.”

आपत्ति दर्ज करते हुए प्रबंधन को चिट्ठी

इंडियन कॉमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने 31 मई को प्रबंधन को अपनी सख्त आपत्ति जताते हुए पत्र लिखा. प्रबंधन को चेतावनी भरे लहजे में एसोसिएशन ने कहा, "सर, आप इस तथ्य की सराहना करेंगे कि हम वंदे भारत मिशन के तहत "नेशनल ड्यूटी" के रूप में उड़ानों का संचालन कर रहे हैं. लेकिन ऑपरेटिंग क्रू के साथ जो बर्ताव किया जा रहा है वो अप्रिय है. हम अपने चालक दल के साथ साथ इस बर्ताव की सराहना नहीं करते. अगर इतिहास खुद को दोहराता है तो हम आवश्यक सेवाओं के अलावा किसी भी उड़ान को संचालित करने की स्थिति में नहीं होंगे.

एयर इंडिया के एक अधिकारी ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि एयरलाइन आंतरिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करती है. केबिन क्रू का कहना है कि वे वर्तमान परिस्थितियों से खुश नहीं हैं. उनका आरोप है कि बीमा पर कोई स्पष्टता नहीं है. चालक दल PPE किट में होने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं. क्रू के एक सदस्य ने अनाम रहने की शर्त पर कहा “पिछले कुछ दिनों में बहुत सारे केस सामने आए हैं. क्या आप अभी स्थिति के सही होने की बात सोच रहे हैं.’’

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