पहली बार अचानक लाल हुआ लोनार झील का पानी, वैज्ञानिक भी हैरान, जानिए इस झील का हजारों साल पुराना इतिहास


मुंबई:  महाराष्ट्र के बुलढाना जिले की मशहूर लोनार झील (Lonar Lake) का पानी अचानक लाल रंग में बदल गया है। पहली बार हुए इस बदलाव को देखकर आम लोग और वैज्ञानिक भी हैरान हैं. विश्व में अपनी पहचान बनाने वाले लोनार झील के पानी का रंग अचानक लाल होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. पानी का रंग अचानक कैसे और क्यों बदला इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है. जिन्होंने अब तक लोनार झील का गहन अध्ययन किया उनके मतों में भी भिन्नता दिखाई दे रही है. लाल पानी होने के कारण परिसर में अलग-अलग तरह की चर्चा सुनने को मिल रही है.  लोनार का परिसर महाराष्ट्र का सबसे छोटा पक्षी अभयारण्य के रूप में भी अपनी पहचान रखता है. बारिश की अनियमितता तथा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पर्यावरण में बहुत से बदलाव देखने को मिले हैं. साथ ही बुधवार (10 जून) को इस सरोवर का पानी लाल होने से और एक विषय सामने आया है.

जानें लोनार झील के पानी का रंग लाल क्यों हुआ?

लोनार आने वाले विदेशी पर्यटकों को झील की जानकारी देने के लिए बहुत से वैज्ञानिकों के संपर्क में रहने वाले आनंद मिश्रा से इस संदर्भ में पूछने पर बताया कि आज मौसम में जो बदलाव हो रहा है इससे झील पर भी प्रभाव पड़ रहा है. इसी वजह से झील के पानी का रंग बदल गया है. लोनार के ही इतिहासकार प्रा. सुरेश मापारी ने बहुत से जल विशेषज्ञ से बात की और बताया कि हेलो बैक्टीरिया तथा ड्युनोलीला सलीना नाम की फफुंदी की वजह से कैरोटेनाइड नाम का रंग पदार्थ तैयार होता जिससे पानी का रंग बदल सकता है. सभी के मतों में अंतर है लेकिन पानी का रंग बदलने से लोनार झील एक बार फिर से चर्चा में आ गई है. झील का पानी अचानक लाल होने की वजह से लोगों में चर्चा हो रही है.

पहली बार अचानक लाल हुआ लोनार झील का पानी, वैज्ञानिक भी हैरान, जानिए इस झील का हजारों साल पुराना इतिहास


लोनार झील (Lonar lake) की तस्वीरें...जब उसके पानी का रंग लाल हो गया।

पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए

लोनार झील के पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।  एक ओर जहां लोनार झील का पानी लाल हो गया है, वहीं लेंडी तालाब का भी पानी हरा हो गया है. कुछ दिनों से नलों का पानी भी पीला आने लगा है. पानी का इस तरह से रंग बदलना लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर रहा है. क्योंकि जीवन पानी पर ही निर्भर है. इस पानी से क्या हानि होगी? इसकी चिंता लोगों को सता रही है.

ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी लोनार झील का उल्लेख

बुलढाणा जिले में स्थित लोनार झील का रहस्य जानने में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से लेकर दुनिया की तमाम एजेंसियां कई वर्षों से इस झील पर शोध कर रही हैं, लेकिन इसके रहस्य से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील उल्का पिंड के धरती से टकराने की वजह से बनी थी, लेकिन सबसे हैरानी की बात तो यह है कि वो उल्का पिंड गया कहां, इसका पता अब तक नहीं चल पाया है.

पहली बार अचानक लाल हुआ लोनार झील का पानी, वैज्ञानिक भी हैरान, जानिए इस झील का हजारों साल पुराना इतिहास


लोनार झील (Lonar lake) की तस्वीरें...जब उसके पानी का रंग सामान्य था।

माना जाता है कि यह उल्का पिंड करीब 10 लाख टन वजन का रहा होगा. लोनार झील करीब 150 मीटर गहरी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह झील लगभग 5.70 लाख साल पुरानी है. इसका मतलब है कि यह झील रामायण और महाभारत काल में भी मौजूद थी.

हालांकि वर्ष-2010 से पहले यह माना जाता था कि यह झील करीब 52000 साल पुरानी है, लेकिन इस नए शोध ने सबको हैरान कर दिया. कहते हैं कि इस झील का उल्लेख ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी मिलता है. इस झील को रासायनिक गुणों से भरपूर बताया जाता है. लोनार झील के आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक, वर्ष-2006 में यह झील पूरी तरह सूख गई थी, जिसके बाद वहां खनिजों के छोटे-छोटे टुकड़े चमकते हुए देखे गए थे. हालांकि बाद में फिर बारिश हुई और झील फिर से पानी से भर गई.