लॉकडाउन में शहरों से पलायन करने वाले मजदूरों की होने लगी वापसी



लॉकडाउन में औद्योगिक शहरों से पलायन कर रहे मजदूर अब फिर से वापस रोजगार की तलाश में निकलने लगे हैं। पिछले तीन महीने में जो प्रवासी मजदूर अपने घर की तरफ जा रहे थे, अब फिर से मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, पंजाब के शहरों की तरफ पूर्वांचल दिशा से जाने लगे हैं।

दरअसल पिछले दिनों यूपी व बिहार से मुंबई व गुजरात की तरफ जाने वाली ट्रेनें खाली जा रही थीं, लेकिन अब उनमें सभी सीटें फुल हैं। लॉकडाउन के दौरान जो श्रमिक सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर वापस चले गए थे, अब अनलॉक-1 में धीरे-धीरे ही सही रोजगार की तालाश में वापस लौटने लगे हैं।

रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि गोरखपुर से मुंबई जाने वाली सभी ट्रेनें अब सौ प्रतिशत फुल चल रही हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश से अहमदाबाद जाने वाली और बिहार से मुंबई व गुजरात जाने वाली सभी ट्रेन फुल हैं। उन्होंने बताया कि 30 राजधानी स्पेशल और 200 स्पेशल मेल व स्पेशल ट्रेन चल रही हैं।

26 जून की स्थिति के अनुसार इन ट्रेनों में 78 ट्रेन 100 प्रतिशत भरी हुई सीट के साथ चल रही हैं। 43 ट्रेन 75-100 प्रतिशत फुल हैं तो 27 ट्रेन 50-75 प्रतिशत। इसी तरह 29 ट्रेन 30-50 प्रतिशत भरी हुई चल रही हैं। इनमें पूर्वांचल दिशा से चलने वाली ज्यादातर ट्रेन भरी हुई चल रही हैं।

कोविड केयर कोच से ठीक होकर भी कोरोना मरीज घर जा रहे हैं

वीडियो कान्फ्रेंसिंग से आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने यह भी बताया कि रेलवे के कोविड केयर कोच से कोरोना के मरीज ठीक होकर वापस घर भी जा रहे हैं। रेल मंत्रालय के आकड़े के अनुसार यूपी व दिल्ली में कुल 960 कोच उत्तर प्रदेश व दिल्ली के स्टेशनों पर लगाए गए हैं। यानी 17,280 बेड कोरोना के मरीजों के लिए उपलब्ध हैं।

उत्तर प्रदेश के मऊ में कुल 59 मरीज आइसोलेशन कोच में भर्ती किए गए थे, जिसमें से 44 मरीज ठीक होकर घर चले गए और 15 मरीजों का उपचार चल रहा है। इसी तरह दिल्ली के शकूरबस्ती में अभी तक आधा दर्जन मरीज भर्ती किए गए, इनमें से एक मरीज ठीक हो गया और पांच का इलाज चल रहा है।

इस स्टेशन पर सेना के डॉक्टरों का सहयोग लिया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार प्रति कोविड केयर कोच रेलवे कोविड फंड से दो लाख रुपया खर्च का अनुमान है। कोविड फंड से पांच हजार से अधिक कोच के लिए रेलवे को फंड जारी कर दिया गया है।

प्रतिदिन तीन हजार मजदूरों को यूपी में रेलवे देगा रोजगार

गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत रेलवे उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन तीन हजार मजदूरों के लिए रोजगार सृजित करेगा। इस तरह से 3 लाख 76 हजार मानव दिवस काम मिलेगा। इस अभियान के तहत रेलवे पूरे देश में जहां 1,888 करोड़ रुपया खर्च करेगा, तो वहीं उत्तर प्रदेश में अकेले 619.7 करोड़ रुपया खर्च करेगा।

प्राइवेट ट्रेन के लिए अगले महीने आरएफक्यू

रेलवे ट्रैक पर प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए जुलाई महीने में रेलवे आरएफक्यू निकालेगा। रेवले बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि डॉक्यूमेंट तैयार कर लिया गया है। प्राइवेट ऑपरेटर के लिए जल्द ही आरएफक्यू निकाल दिया जाएगा, ताकि रेलवे के ट्रैक पर निजी ट्रेन चलाई जा सके।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। गुजरात में 70 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 24 प्रतिशत। ज्वाइंट मेजरमेंट सर्वे का काम भी 40 प्रतिशत पूरा हो गया है। आने वाले तीन महीने में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा।

लॉकडाउन में छोटे-बड़े दो सौ प्रोजेक्ट को रेलवे ने पूरा किया

लॉकडाउन के दौरान आजमगढ़ में सिग्निलिंग का काम पूरा किया गया तो वीणा में सोलर पॉवर प्लांट लगाया गया। इसी तरह दक्षिण भारत में दो नए ब्रिज का निर्माण किया गया और कई क्षतिग्रस्त पुल को तोड़ा गया। इस तरह से दो सौ से अधिक प्रोजेक्ट को पूरा करने में सफलता हासिल हुई। इनमें 82 ब्रिज का पुर्णनिर्माण किया गया तो पांच यार्ड रिमॉडलिंग का काम किया गया। 48 आरओबी व आरयूबी का निर्माण किया गया।

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