बच्चों की किताब में 'अग्ली' का मतलब बताने के लिए ऐसी फोटो छाप दी कि बवाल हो गया



देश-दुनिया में लोगों को ‘गोरा’ बनाने का दावा करने वाली बहुत-सी फेयरनेस क्रीम बिकती हैं. लेकिन अगर रंगभेद जैसी चीजें स्कूल की किताबों के जरिए बच्चों में गलत सोच भरने लग जाएं, तो मामला संगीन हो जाता है. पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसा ही सुनने को मिल रहा है.


क्या है पूरा मामला


ईस्ट बर्धवान डिस्ट्रिक्ट के बर्धवान शहर में सरकार की फंडिंग पर चलने वाला एक म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल है. इस स्कूल के प्री-प्राइमरी  में अक्षर ज्ञान की एक किताब चलती है. इसमें अंग्रेज़ी अक्षर ‘यू’ (U) से शब्द बताया गया है ‘अग्ली’ (Ugly). जिसका मतलब होता है बदसूरत. शब्द का मतलब समझाने के लिए एक काले रंग के व्यक्ति की तस्वीर दिखाई गई है. यानी काले रंग को सीधे-सीधे बदसूरती से जोड़ा गया है. आशंका है कि ये किताब और भी कई स्कूलों में पढ़ाई जा रही होगी.


बच्चों के अभिभावकों ने जब यह देखा, तो वे हैरान रह गए. उन्होंने इस रंगभेद के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया. सुदीप मजूमदार कोलकाता बंगबासी (इवनिंग) कॉलेज में एक अध्यापक हैं. उन्होंने कहा:


“मेरी बेटी म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ती है. अपनी बेटी को पढ़ाते हुए इस पर मेरी नज़र गई. बच्चों को ऐसी शिक्षा देना बिल्कुल गलत है, जिसमें इस तरह काले रंग के व्यक्ति को बदसूरत कहा जाए.” 


उन्होंने कहा कि इस किताब को जल्द ही हटा देना चाहिए. उन्होंने बच्चों के दिमाग पर इसके बुरे असर का ज़िक्र करते हुए कहा-


“कुछ भी कहिए, बच्चों को दी जा रही ऐसी शिक्षा उनके कोमल दिलों को काले रंग के लोगों को तुच्छ दृष्टि से देखना और उनके खिलाफ भेदभाव करना सिखाएगी. यह गलत है.”


स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर हैं स्वप्न कुमार दत्त. पहले तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कमेंट करने से इनकार किया. हालांकि बाद में कहा कि ऐसी शिक्षा सही नहीं है. मामले पर सफाई देने की कोशिश करते हुए बोले-


“इस तरह की किताब स्कूल द्वारा दी गई ऑफिशियल किताब नहीं है. फिर भी हम स्कूल से इस बारे में बात करेंगे. अगर जरूरत पड़ती है, तो किताब को बदला जाना चाहिए.”  


रंगभेद की जड़ें बहुत गहरी हैं


इससे पहले भी इंटरनेट पर एक स्कूली किताब की फोटो सामने आई थी, जिसमें एक गोरे रंग की अमीर दिखने वाली लड़की को ‘खूबसूरत’ बताया गया था. इसमें ‘बदसूरत’ के साथ जो तस्वीर थी, वो एक काले रंग की गरीब दिखने वाली लड़की की थी.




एक अन्य स्कूली किताब की फोटो


अखबारों में शादी के इश्तिहार में यह लिखा होना आम बात है- ‘शादी के लिए गोरी लड़की चाहिए’. किसी काले रंग के व्यक्ति को ‘कालू’ कहकर चिढ़ाना भी कई जगह देखा जाता है. अमेरिका में भी फिलहाल नस्लवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. कारण है एक ब्लैक व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत. ये मामला थम नहीं रहा है.


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