लड़की ने Ibuprofen दवा खाई तो शरीर में अन्दर से लगी आग, हो गया बुरा हाल

थाइलैंड में दवा खाने से युवती गंभीर रूप से बीमार हो गई.


थाइलैंड. थाईलैंड के चोनबुरी में काम करने वाली योतिका कावेखम ने 19 मई की सुबह एक गोली ली और फिर दोपहर के भोजन के बाद ibuprofen की एक गोली ली. लेकिन कुछ घंटों में ही उसकी त्वचा दर्दनाक पित्ती (Rashes), चकत्ते और फफोलों से भर गई, ऐसा लगने लगा कि इसकी स्किन शरीर के भीतर से जल रही है.

दर्द जब बर्दाश्त से बाहर हो गया और पूरे शरीर में जलन होने लगी तो उसने अपने पति सोरसाक से उसके उसे अस्पताल ले चलने के लिए कहा. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने तुरंत उसे गहन चिकित्सा इकाई (ICU)) में भर्ती  किया जहां उसने सात दिनों तक एलर्जी की प्रतिक्रिया के लिए उपचार प्राप्त किया. लड़की की हालत इतनी ख़राब हो गयी कि उसे 7 दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहना पड़ा.

'मुझे मिली यह सीख- डॉक्टर के पर्ची के बिना ना लें दवा'

द सन वेबसाइट के मुताबिक इस प्रकरण पर योथिका ने कहा कहा कि इस दुर्घटना से उसे एक सबक मिला है कि डॉक्टर के पर्चे के बिना कभी भी दवा नहीं लेनी चाहिए. उसने बताया कि 14 दिनों के उपचार और भयंकर दर्द के तेज होने के बाद मैंने यह सीखा कि बिना नुस्खे के दवा लेना एक खतरनाक सिद्ध हो सकता है. उसने कहा कि एलर्जी की प्रतिक्रिया तो कम हो गई है लेकिन डॉक्टर ने कहा है कि मेरे शरीर को ठीक होने में समय लगेगा. अब पहले की तुलना में दर्द बहुत कम है.


'वह भाग्यशाली थी कि उसकी मौत नहीं हुई'

थाईलैंड के खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के उप सचिव डॉ सुरचोक तांगिवत ने कहा कि योथिका पर इबूप्रोफेन का असर बहुत खतरनाक था. उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली थी कि ड्रग एलर्जी से उनकी मृत्यु नहीं हुई. डॉ तंगविवत ने कहा कि एक स्टेरॉयड दर्द निवारक या पैरासिटामोल की तुलना में इबुप्रोफेन दर्द निवारक से अलर्जी की अधिक संभावना अधिक होती है. कुछ गंभीर मामलों में रोगी इस एलर्जी से मर भी सकते हैं. यही कारण है कि नुस्खे के बिना कोई भी दवा नहीं लेनाठीक नहीं है.

अमेरिका में भी हो चुका है ऐसा

अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन के अनुसार इबुप्रोफेन से हुई एलर्जी के लक्षणों में पित्त, चेहरे की सूजन, अस्थमा, त्वचा का लाल होना, चकत्ते, फफोले और मानसिक आघात भी शामिल हैं. वर्ष 2012 में लिटलपोर्ट कैमब्स के एक 11 वर्षीय लड़के ने बच्चों को दिए जाने वाले नूरोफेन को खा लिया जो इबुप्रोफेन का ही एक ब्रांड है. इस नूरोफेन को खाने से लगभग उसकी मौत हो गई थी. केल्विन लॉक नामक एक लड़का फ्लू से पीड़ित था जिस कारण उसकी मां ने उसे यही दर्द निवारक दवा दी थी लेकिन इस दवा के कारण पांच दिन बाद उसका कान लगभग जल सा गया था और उसके चेहरे और पेट पर चकत्ते पड़ गए थे.

11 वर्षीय बालक को आईसीयू में करना पड़ा था भर्ती

डॉक्टरों ने कहा कि उस पर दवा की बहुत खतरनाक प्रतिक्रिया हुई और अंततः उसे ICU में भर्ती करना पड़ा. केल्विन को ठीक करने के लिए एक विशेष बर्न यूनिट में स्थानांतरित किया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी बीमारी को विषाक्त एपिडर्मल नेक्रोलिसिस सिंड्रोम (टेन्स) के रूप में घोषित किया, जो स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम (एसजेएस) का एक और अधिक गंभीर रूप है.

प्रोफेसर नागुइब एड-म्यूटर्ड, जो केल्विन की देखभाल कर रहे थे, ने कहा कि स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम (एसजेएस) और एपिडर्मल नेक्रोलिसिस सिंड्रोम (टेन्स) के मामले यूरोप में प्रत्येक मिलियन लोगों में केवल दो से तीन होते हैं.

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