नई दिल्ली। पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम (Dairy Entrepreneur Development Scheme) चला रही है। इस योजना के तहत 10 भैंस की डेयरी खोलने पर 7 लाख रुपए तक का लोन पशुधन विभाग से मुहैया कराया जाता है। इतना ही नहीं सामान्य वर्ग के डेयरी चालकों के लिए 25 प्रतिशत और महिला व एससी वर्ग के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है।
पशुपालन व्यवसाय को एक ऐसा व्यवसाय माना जाता है जिसमें घाटा होने की संभावना बेहद कम होती है। मगर खर्चीला व्यवसाय होने की वजह से इसमें इंवेस्ट करना मुमकिन नहीं हो पाता है। ऐसे में किसानों और डेयरी चालकों को राहत देने के लिए सरकार ने ये योजना चलाई है। इसे NABARD की ओर से संचालित किया जाता है। इस स्कीम से गांवों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत 1 सितंबर 2010 में की थी।
योजना से होने वाले लाभ
पशुपालन की चाह रखने वाले व्यक्ति को इस योजना के तहत कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट का 33.33 फीसद तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है। उद्यमी को पूरी पोजेक्ट कॉस्ट का कम से कम 10 फीसद अपने पास से लगाना पड़ेगा। जबकि बाकी का 90 फीसद खर्च सरकार उठाएगी। योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी बैक एंडेड सब्सिडी( Back Ended Subsidy) होगी। इसके तहत ‘NABARD’ की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी उसी बैंक खाते में आएगी जहां से लोन लिया गया है।इसके बाद वह बैंक लोन देने वाले व्यक्ति के नाम पर उस पैसे को अपने पास जमा रखेगा।
योजना से जुड़ी अहम बातें
डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम का लाभ लेने के लिए वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय बैंक, राज्य सहकारी बैंक, राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक
एवं अन्य संस्थान जो NABARD से पुनर्वित्त पाने के पात्र हैं इनसे संपर्क करना होगा। अगर लोन 1 लाख से अधिक है तो लोन लेने वाले को अपनी जमीन संबंधी कुछ कागजद गिरवी रखने पड़ेंगे। साथ ही उसे डॉक्यूमेंट्स में जाति प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और प्रमाण पत्र और प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान की फोटोकॉपी जमा करनी होगी।
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