Highlightsमारुति जिप्सी 1.3 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आती है। मारुति ने काफी समय पहले ही इस इंजन को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है। भारत के अलावा जापान सहित अन्य देशों में इसे जिम्नी नाम से जाना जाता है। फरवरी 2020 में दिल्ली-एनसीआर में हुए ऑटो एक्सपो में जिम्नी के थ्री डोर वर्जन को पेश किया गया था।
वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी टू-डोर ऑफ रोडर कार जिप्सी का उत्पादन बीते साल से बंद कर दिया था। कारों को लेकर जरूरी नए सेफ्टी फीचर्स और एमिशन नॉर्म्स पूरा न कर पाने के चलते कंपनी ने इस कार का प्रॉडक्शन बंद किया था। इसके बाद भी आर्मी ने जिप्सी कार पर अपना भरोसा दिखाया और 718 यूनिट्स जिप्सी आर्मी को डिलीवर की गई हैं।
आर्मी द्वारा मारुति जिप्सी को पसंद किए जाने के पीछे इसकी ऑफ-रोड कैपबिलिटीज, कार का हल्का वजन, मजबूती और लंबे समय से इसी का इस्तेमाल एक बड़ा कारण है। यही वजह है कि मारुति जिप्सी अब भी आर्मी की पसंद बनी हुई है।
रसलेन की रिपोर्ट के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने जून 2020 में इंडियन आर्मी को BS4 मारुति जिप्सी 4X4 की 718 यूनिट्स डिलीवर की हैं।
आम लोगों को नहीं बेची जाती जिप्सी
मौजूदा नियमों के मुताबिक सेफ्टी फीचर्स न होने और BS4 इंजन के कारण मारुति जिप्सी को अब आम जनता को नहीं बेचा जाता है। आर्मी को इस कार पर अभी भी भरोसा है। आर्मी के अलावा पुलिस विभाग भी लंबे समय तक इस कार का इस्तेमाल करता रहा है।
रिपेयर करना है आसान
मारुति जिप्सी 4X4 को आर्मी में इसलिए भी पसंद किया जाता है कि इस कार को इसके सिंपल हार्डवेयर कॉन्फिगरेशन के कारण इसको मेंटेन और रिपेयर करना बहुत आसान होता है। चूंकि, ये व्हीकल दूरदराज की लोकेशंस में तैनात की जाती हैं। इसलिए किसी भी तरह की कमी या खराबी आने पर ऑन-द-स्पॉट इसको रिपेयर करना आसाना है। इसके साथ ही वजन में हल्की होने के चलते इस कार को ऊबड़-खाबड़ और पथरीली सड़कों पर चलाना भी आसान है।
जिप्सी के फीचर्स
मारुति जिप्सी 1.3 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आती है। मारुति ने काफी समय पहले ही इस इंजन को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है। यह इंजन 4 सिलिंडर पेट्रोल इंजन था जो कि 80bhp का पावर और 103Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। ऑफ-रोड SUV में लो-रेशियो के साथ 4WD (फोर-वील ड्राइव) सिस्टम और 5 स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स दिया गया है।
बात करें उन फीचर्स की जो नए नियमों के मुताबिक हर कार में जरूरी हैं। जैसे ABS, एयरबैग्स, पार्किंग सेंसर्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स जैसे सेफ्टी फीचर्स इस कार में नहीं हैं। एक बात औऱ ध्यान देने वाली है कि इस कार का चेसी काफी पुराना है। ऐसे में यह कार क्रैश टेस्ट नियमों को भी नहीं पास करती है।
मारुति जिप्सी के प्रॉडक्शन को जब पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया था उस समय यह बात कही गई थी कि जरूरत पड़ने पर कंपनी सेना के लिए जिप्सी का उत्पादन करेगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आर्मी भविष्य में जिप्सी के और ऑर्डर देगी या यह आखिरी बैच है।
मारुति सुजुकी जिप्सी का सेकंड जेनरेशन भारत में 33 साल पहले पेश किया गया था। इसके बाद से यह इसी अवतार में बिकती रही है। ग्लोबल मार्केट में ऑफ-रोड SUV 1998 में थर्ड जेनरेशन में आई। वहीं, 2019 में इसकी फोर्थ जेनरेशन आई।
विदेशों में जिम्नी नाम से है पहचान
भारत के अलावा जापान सहित अन्य देशों में इसे जिम्नी नाम से जाना जाता है। फरवरी 2020 में दिल्ली-एनसीआर में हुए ऑटो एक्सपो में जिम्नी के थ्री डोर वर्जन को पेश किया गया था। उसके बाद से ही जिम्नी को भारत में लॉन्च किए जाने की चर्चा है। लॉन्च होने के बाद यह कार भारत में जिप्सी की जगह लेगी।
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