900 साल से शापित इस मंदिर में भूलकर भी मत जाना..

दुनिया में अगर सबसे ज्यादा कहीं मंदिर हैं तो वो हैं भारत में…यही कारण है कि, इन मंदिरों के बारे में जानने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं और इन मंदिरों के दर्शन करके यहां के रहस्य जानने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान में स्थित है। जो कि 900 साल से शापित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, जो भी इंसान यहां रात में रूकता है वो पत्थार का बन जाता है।



राजस्थान के बाड़मेर का किराडु शहर ऐसे ही किसी रहस्य को अपने भीतर दफन किए हुए है। यहां के मंदिरों के खंडहरों में रात में कदम रखते ही लोग हमेशा-हमेशा के लिए पत्थर बन जाते हैं।ये किराडू शहर अपने मंदिरों की शिल्प कला के लिए विख्यात है। किराडू को ‘राजस्थान का खजुराहो’ भी कहा जाता है,इन मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। माना जाता है कि किराडू शहर प्राचीन समय में सुख-सुविधाओं से युक्त एक विकसित प्रदेश हुआ करता था। दूसरे प्रदेशों के लोग यहां पर व्यापार करने आते थे, लेकिन 12वीं शताब्दी में, जब किराडू पर परमार वंश का राज था, उसके बाद यह शहर वीरान हो गया।

यहां के लोगों की मान्यता है कि इस शहर पर एक साधु का श्राप लगा हुआ है। मान्यता के अनुसार करीब 900 साल पहले परमार राजवंश यहां राज करता था। उन दिनों इस शहर में एक ज्ञानी साधु भी रहने आए थे। यहां पर कुछ दिन बिताने के बाद साधु देश भ्रमण पर निकले तो उन्होंने अपने शिष्य को स्थानीय लोगों के सहारे छोड़ दिया कि आप इनको भोजन-पानी देना और इनकी सुरक्षा करना।

उन्हें भरोसा था कि जिस तरह से गांव के लोग उनकी सेवा करते हैं ठीक उसी तरह से उसके शिष्य की भी देखरेख करेंगे। लेकिन उसके शिष्य की काफी अनदेखी हुई। उसकी सुध एक कुम्हारन ही लेने आती थी। जब साधू लौटा और अपने शिष्य और मंदिर का हाल देखा तो वो क्रोधित हो गया। उसने शाप दिया कि जहां के लोगों में दया की भावना न हो वहां जीवन का क्या मतलब, इसलिए यहां के सभी लोग पत्थर के हो जाएं और पूरा शहर बर्बाद हो जाए।

साधू ने अपने इस शाप के बाद कुम्हारन और शिष्य को कहा कि दोनों यहां से भाग जाएं और अगर पीछे पलटकर देखा तो तुम भी पत्थर की बन जाओगे। फिर कुम्हारन और शिष्य दोनों वहां से भाग निकले। लेकिन कुछ दूर जाने के बाद कुम्हारन को शंका हुई। तो उसने पीछे मुड़कर देख लिया और खुद भी पत्थर की मूर्ति में बदल गई। सिहाणी गांव के नजदीक कुम्हारन की वह पत्थर मूर्ति आज भी उस खौफ को बयां करती है।
इस शाप के कारण ही आस-पास के गांव के लोगों में दहशत फैल गई जिसके चलते आज भी लोगों में यह मान्यता है कि जो भी इस शहर में शाम को कदम रखेगा या रुकेगा, वह भी पत्थर का बन जाएगा। यही कारण है कि यह शहर सूरज ढलने के साथ ही वीरान हो जाता है। इस मंदिर के आस पास भी लोग नहीं भटकते हैं। लेकिन दिन के समय यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है।

और उसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि, मंदिर की मूर्तियां और बनावट इतनी खूबसूरत है कि, जिसे देखकर हर किसी का मन इस मंदिर के बारे में जानने का करता है। लेकिन शापित होने के कारण यहां सूर्यस्त होते ही लोग लौट जाते हैं। क्योंकि जिस तरह से यहां शापित महिला की मूर्ति है वो एक अलग तरह का डर पैदा करती है।

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