नौकरी वाले ध्यान दें: बदल रहा है सैलरी से जुड़ा ये जरूरी नियम, जानें यहां



नई दिल्ली: नौकरी करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। सरकार की ओर से कोरोना वायरस महामारी के दौरान कंपनी और कर्मचारियों के लिए घोषित राहत उपायों के तहत तीन महीने तक के लिए एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड यानि EPF योगदान में चार फीसदी की कटौती की गई थी। जिसकी अवधि जुलाई में खत्म हो रही है। जिसके बाद अगस्त से आपकी कंपनी पुरानी कटौती दरों पर वापस आ जाएगा। सीधे तौर पर समझा जाए तो अगस्त से EPF पहले की तरह 12 फीसदी ही कटेगा।

निर्मला सीतारमण ने तीन महीनों के लिए की थी कटौती

बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई महीने में तीन महीने के लिए यानी जुलाई 2020 तक के लिए ईपीएफ योगदान को चार फीसदी घटाने का एलान किया था। जिससे लगभग छह लाख 50 हजार कंपनियों के कर्मचारियों को हर महीने दो हजार 250 करोड़ रुपये का फायदा हुआ। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) योगदान में की गई कटौती मई, जून और जुलाई 2020 के लिए लागू होगा।

कटौती से सैलरी भी बढ़ी

बता दें कि EPF कंट्रीब्यूशन में की गई यह कटौती उन कर्मचारियों के लिए लागू थी, जो 24 फीसदी ईपीएफ सपोर्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज व इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं हैं। वहीं बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) के चार फीसदी बराबर कटौती से सैलरी भी बढ़ गई है।

कर्मचारियों ने किया था दस फीसदी का भुगतान

सेंट्रल पबल्कि सेक्टर एंटरप्राइजेज और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए EPFO में नियोक्ता के योगदान में किसी तरह की कटौती नहीं की गई थी। उनका योगदान 12 फीसदी ही रखा गया था। जबकि कर्मचारियों ने 10 फीसदी ही का भुगतान किया था। अब अगले महीने से कटौती पुराने लेवल पर वापस आ जाएगी।

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