डेबिट कार्ड फर्जीवाड़े से बचना है तो इस्तेमाल करें SBI की यह सुविधा


देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों को वर्चुअल कार्ड की सुविधा प्रदान करता है, जो एक लिमिट डेबिट कार्ड है। ऑनलाइन खरीदारी के लिए एसबीआई के इंटरनेट बैंकिंग के जरिये इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। मास्टर/वीजा कार्ड स्वीकार करने वाली किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर इस कार्ड से खरीदारी की जा सकती है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, रेग्युलर प्लास्टिक कार्ड और इसमें जरा भी फर्क नहीं है। आइए, जानते हैं इस कार्ड की खूबियां।

 




फर्जीवाड़े का डर नहीं

एसबीआई वर्चुअल कार्ड में मर्चैंट को कार्ड की प्राइमरी और अकाउंट डीटेल नहीं दिखता है, जिसकी वजह से किसी भी तरह के फर्जीवाड़े की आशंका नहीं होती।

 




48 घंटे या लेनदेन पूरा होने तक मान्य

एसबीआई वर्चुअल कार्ड बनने के 48 घंटे तक या ट्रांजैक्शन पूरा होने तक मान्य होता है।




ओटीपी के जरिए बनता है कार्ड

एसबीआई वर्चुअल कार्ड ग्राहक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (OTP) के आधार पर बनता है। यही नहीं, ट्रांजैक्शन भी ओटीपी डालने के बाद ही होता है।

 





नेटबैंकिंग से कर सकते हैं भुगतान

एसबीआई कस्टमर्स अपने नेटबैंकिंग के जरिए भुगतान कर सकते हैं।




100-50,000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन

एसबीआई वर्चुअल कार्ड बनाने के लिए न्यूनतम ट्रांजैक्शन वैल्यू 100 रुपये और अधिकतम 50,000 रुपये है।

 




कोई शुल्क नहीं

इसके लिए ग्राहकों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।




मास्टर/वीजा कार्ड लेने वाले सभी वेबसाइट पर मान्य

एसबीआई वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल उन सभी वेबसाइट्स पर किया जा सकता है, जो मास्टर/वीजा कार्ड से भुगतान स्वीकार करते हैं।

 




सिंगल यूज कार्ड

एसबीआई वर्चुएल कार्ड एक सिंगल यूज कार्ड है और एक बार सफलतापूर्वक इस्तेमाल के बाद यह बेकार हो जाता है।

 




सक्सेसफुल परचेज पर कटेगी रकम

वर्चुअल कार्ड से रकम तभी कटती है, जब खरीदारी सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है।




कार्ड संख्या की सीमा नहीं

कोई ग्राहक रोजाना चाहे कितनी भी संख्या में वर्चुअल कार्ड बना सकता है। अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं है।

 


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