आपको बता दें कि काफी सालों बाद शिक्षा नीति में एक बार बड़ा परिवर्तन देखा गया है। यह परिवर्तन छात्रों के हितों को देखते हुए लाया गया है, आपको बता दें कि पिछले कई सालों से पुरानी शिक्षा नीति थी जिसमें 10+2 लागू था, लेकिन फिलहाल इस नीति मैं परिवर्तन करके आप शिक्षा नीति में बदलाव किया जा रहा है।
नई शिक्षा नीति के अनुसार पहली से पांचवी तक लोगों को अपनी मातृभाषा या अपने लोकल भाषा में पढ़ाई करने की अनुमति होगी। नई शिक्षा नीति के अनुसार लोगों को अंग्रेजी विषय में पढ़ना ही जरूरी ना हो करके अंग्रेजी विषय एक सब्जेक्ट के रूप में देखा जाएगा। इसके साथ जैसे ही आप छठी से आठवीं में शिक्षा ग्रहण करेंगे तो उस शिक्षा के दौरान आप अपनी रूचि के अनुसार विषयों का चयन कर सकते हैं। आपको बता दूं कि इस नई शिक्षा नीति में बच्चों की मानसिक रूचि तथा उसके आंतरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
नवमी से बारहवीं तक की शिक्षा में काफी बदलाव किया गया है, पहले शिक्षा नीति के अनुसार आप दसवीं में जाते थे तब आप विषयों का चयन करते थे अगर आपने साइंस लिया है तो आप साइंस के ही सब्जेक्ट को पढ़ते थे अगर आपने आर्ट्स या कॉमर्स लिया है तो आप अर्ट या कॉमर्स के बारे में ही अपनी शिक्षा ग्रहण करते थे,लेकिन नई शिक्षा नीति के आ जाने के बाद इसमें काफी बदलाव किया गया है अगर आप साइंस के स्टूडेंट हैं तो आपको आर्ट्स के सब्जेक्ट पढ़ने को भी मिल सकते हैं अगर आप आर्ट्स के स्टूडेंट है तो आप साइंस के सब्जेक्ट आसानी से ले सकते हैं तथा पढ़ सकते हैं इस पर काफी बदलाव किया गया है। इसके साथ ही इस नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को उद्यमी बनाना तथा उसके विकास के लिए पहले से ही उन्हें तैयार करना मुख्य बिंदु माना गया है।
शिक्षा नीति के अनुसार आप अगर कॉलेज में भी पढ़ाई करना चाहते हैं तो यह शिक्षा नीति जाना आपके लिए काफी जरूरी है क्योंकि आप कॉलेज से 1 साल करके छोड़ देते हैं तो आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा अगर आप कॉलेज था 2 वर्ष पूर्ण कर लेते हैं तो आपको डिप्लोमा का एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा अगर आपने 3 साल तक कॉलेज को पूर्ण किया तो आपको डिग्री दी जाएगी,इसके साथ ही इसमें भी आप विषयों का चयन अपने अनुसार कर सकते हैं अगर आप कल आया आर्ट्स या कॉमर्स की स्टूडेंट है तो आपको विज्ञान से संबंधित विषयों को आसानी से पढ़ने को मिल जाएगा।
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