बॉलीवुड अभिनेता सूरज पंचोली बोले, नहीं मानता फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम को



मुंबई – बॉलीवुड अभिनेता सूरज पंचोली फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम को नहीं मानते हैं और उनका कहना है कि यदि नेपोटिजम होता तो वह अपनी 10वीं फिल्म कर रहे होते। सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद से नेपोटिजम की बहस में सूरज पंचोली को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। इस बारे में बात करते हुए सूरज पंचोली ने बताया ,“ यदि यहां सब कुछ नेपोटिजम से ही होता तो मैं अभी अपनी 10वीं फिल्म कर रहा होता। अभी जो भी कुछ हुआ है, उसका नेपोटिजम से कोई मतलब नहीं है। मैंने बहुत कम उम्र में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम शुरू कर दिया था। पहले 2010 में फिल्म गुजारिश में फिर 2012 में एक था टाइगर में। यहीं मैं सलमान सर से मिला था और उन्होंने मुझे वादा किया कि वह किसी फिल्म में मुझे कास्ट करेंगे क्योंकि उन्होंने मुझमें पोटैंशल देखा। उन्होंने मुझसे पूछा भी था कि क्या में ऐक्टर बनना चाहता हूं। मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की है।”

सूरज पंचोली ने कहा ,“ स्टार किड्स को भी ऑडिशंस देने पड़ते हैं।मैंने पहली बार वर्ष 2013 में फिल्म ‘काई पो छे’ के लिए ऑडिशन दिया था और मुझे रिजेक्ट कर दिया गया था। इसके बाद मैंने खुद पर काफी मेहनत की। फिर मैंने 2015 में ‘हीरो’ के लिए ऑडिशन दिया।यहां तक कि अपनी आने वाली फिल्म ‘हवा सिंह’ के लिए भी मुझे ऑडिशन देना पड़ा। मेरी मां इस समय 60 साल की हैं और पिछले 30 सालों से इस इंडस्ट्री में हैं। वह अभी भी फिल्मों के लिए ऑडिशन देती हैं। यह केवल सोच है कि स्टार किड्स को ऑडिशन नहीं देने पड़ते हैं।”

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