Maharashtra Government: सीएम ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र से गए अन्य राज्यों के श्रमिकों की जगह भूमि पुत्रों को रोजगार का अवसर मिलेंगे।
मुंबई। Maharashtra Government: महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश में संचालित उद्योगों में नौकरी करने के लिए अब मूल निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) को अनिवार्य किया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के लिए 'महाजॉब्स पोर्टल' की शुरुआत करते इस संबंध में घोषणा की।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को यह पोर्टल लॉन्च करते हुए कहा - यह पोर्टल नौकरी देने वालों और नौकरी चाहने वालों के बीच एक सेतु का काम करेगा। जहां कंपनियां अपनी जरूरत के श्रमिकों की जानकारी दे सकेंगी और श्रमिक अपनी योग्यता, अनुभव के साथ अपना परिचय दे सकेंगे।
राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के अनुसार श्रमिकों को अपनी शिक्षा, अनुभव, कौशल के साथ डोमिसाइल प्रमाणपत्र की भी जानकारी देनी होगी। ठाकरे और देसाई दोनों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों के श्रमिक अपने घरों को चले गए थे। अब वे लौटने की इच्छा जता रहे हैं। महाजॉब्स पोर्टल पारदर्शी दरीके से उन्हें नौकरियां उपलब्ध कराने में मददगार होगा। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग, श्रम एवं कौशल विकास मंत्रालयों के संयुक्त प्रयास से यह पोर्टल उद्योग क्षेत्र के हित को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। लेकिन इसमें शामिल डोमिसाइल की शर्त एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र में डोमिसाइल प्रमाणपत्र उसी को दिया जाता है जो कम से कम 10 वर्ष यहां रहने का प्रमाण दे सके। जबकि ज्यादातर उद्योगों में काम करने वाले अस्थायी श्रमिकों के पास तो यहां का राशनकार्ड भी नहीं होता। ऐसे में डोमिसाइल प्रस्तुत कर पाना उनके लिए कतई संभव नहीं होगा।
दरअसल महाराष्ट्र सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के उस कदम का जवाब माना जा रहा है जिसमें योगी सरकार ने प्रवासियों के लिए माइग्रेंट पॉलिसी बनाने एवं उनके प्रदेश के श्रमिकों की जरूरत होने पर उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क करने की बात कही।
इधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र से जा रहे अन्य राज्यों के श्रमिकों की जगह पर भूमि पुत्रों यानी महाराष्ट्र मूल के लोगों को रोजगार का अवसर मिलेंगे। सरकार द्वारा महाजॉब्स पोर्टल में डोमिसाइल का मुद्दा जोड़ना महाराष्ट्र सरकार का उसी दिशा में उठाया गया कदम नजर आ रहा है। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख भी कह चुके हैं कि अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को अब महाराष्ट्र में पंजीकरण कराना होगा। इधर उद्योग जगत से जुड़े इस मुद्दे पर फिलहाल उद्योग संगठनों की प्रतिक्रिया नहीं आई है। वे फिलहाल इस प्रारुप और नीति को समझ रहे हैं।
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