सरकारी स्कूलों में भले ही बच्चों की पढ़ाई बंद है लेकिन उन बच्चों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं होना पड़ेगा। जानें क्या मिलेगा लाभ-...
पटना कोरोना का असर राज्य पर पड़ रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामले को देखकर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी चिंतित हो रहे हैं। लेकिन बिहार सरकार भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की ओर अपनी तरफ से पहल कर रही है। इसके मद्देनजर सरकारी स्कूलों में भले ही बच्चों की पढ़ाई बंद है, लेकिन उन बच्चों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं होना पड़ेगा। ऐसे बच्चों के लिए सरकार के स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने के लिए तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 73 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों (प्राइमरी और मिडिल) के पौने दो करोड़ बच्चों के खाते में पाठ्य-पुस्तकों की खरीदारी के लिए छह सौ करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
अभिभावकों के खाते में पाठ्य-पुस्तकों की खरीदारी के लिए जाएगा पैसा
सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से सातवीं तक के तमाम बच्चों के खाते या जिन बच्चों के खाते नहीं खुले हैं तो उनके अभिभावकों के खाते में पाठ्य-पुस्तकों की खरीदारी के लिए राशि मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने यह निर्देश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक संजय सिंह को दिया है। परिषद के मुताबिक अगले सप्ताह तक बच्चों को उनके खाते में राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।
प्रकाशकों के स्तर से किताबें मिलेंगी
सभी जिलों में निर्धारित निजी प्रकाशकों के स्तर से किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह जिम्मेदारी बिहार राज्य पाठ्य-पुस्तक प्रकाशन निगम को दी गई है। शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक नए सत्र में नामांकन लेने वाले बच्चों को भी पाठ्य-पुस्तकों की खरीदारी के लिए राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री बालक साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना और मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना का लाभ भी दिया जाना है। इन योजनाओं में करीब 4,560 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
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