भागदौड़ भरी जिंदगी में सही खानपान न करने और किसी भी समय कुछ भी खा लेने वाली आदत के कारण शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। जिस वजह से रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने शुरू हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शरीर में रेड ब्लड सेल्स या हीमोग्लोबिन की संख्या कम होने पर कई बीमारियां होने लगती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार हीमोग्लोबिन कम होने पर ऐसा जरुरी नहीं है कि आपको किसी तरह की कोई बीमारी ही हो। ये समस्या गर्भवती महिलाओं में आमतौर पर पाई जाती है। इतना ही नहीं महिलाओं में पीरियड्स के समय ज्यादा ब्लीडिंग, हृदय संबंधी बीमारियां, पेट से संबंधित बीमारियां, कैंसर, विटामिन बी12 की कमी और शरीर में फोलिक एसिड की कमी की वजह से भी हीमोग्लोबिन की कमी होने के साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। इसके अलावा हीमोग्लोबिन कम होने पर कई लक्षण भी नजर आने लगते हैं। आज हम आपको हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, आइए बताते हैं...
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब पुरुषों में हीमोग्लोबिन का स्तर 13.5 ग्राम /100 मिली. से कम होता है और महिलाओं में जब हीमोग्लोबिन का लेवल 12.0 ग्राम/100 मिली. से कम होता है तो ऐसे में उनके शरीर में रक्त की कमी होने के साथ ही कई तरह की बीमारियां अपना शिकार बनाने लगती हैं।
हीमोग्लोबिन कम होने की वजह
- रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम होना।
- शरीर में आयरन की कमी होना।
- रेड ब्लड सेल्स का जल्दी से नष्ट होना।
- किसी बीमारी या एक्सीडेंट होने के दौरान ज्यादा खून बह जाना।
हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण
हर समय थकान महसूस होना-
एनीमिक रोगियों में थकान महसूस होने वाली ये समस्या आम समस्या है।
घबराहट-
जब शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो वो हर वक्त तेजी से दिल की धड़कन का एहसास करता है और उसे घबराहट जैसी समस्या होने लगती है।
डिप्रेशनकी समस्या और अरिदमिया-
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर डिप्रेशन, अरिदमिया यानी धड़कन अनियंत्रित होना और हार्ट फेल होने की समस्या हो सकती हैं।
त्वचा में पीलापन-
रेड ब्लड सेल्स स्किन को गुलाबी चमक देती हैं, लेकिन जब शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने लगती है तो त्वचा पीली होनी शुरू हो जाती है।
सांस लेने में समस्या-
हीमोग्लोबिन का कार्य शरीर में ऑक्सीजनयुक्त रक्त पहुंचाने का है। ऐसे में जब शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने लगती है तो व्यक्ति को श्वसन समस्याएं होने लगती हैं। जिसके कारण उसे घबराहट भी महसूस होने लगती है।
टिनिटस-
हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षणों में सबसे आम लक्षण टिनिटस है। इस दौरान व्यक्ति शरीर के अंदर उत्पन्न ध्वनि को सुन सकता है, लेकिन बाहर की आवाज को वो सुन नहीं सकता है। साथ ही खुजली, सिरदर्द, स्वाद में बदलाव, असामान्य तौर पर चिकनी या उभरी हुई जीभ महसूस होना, बालों का झड़ना, मिट्टी, कागज, चॉक और बर्फ को खाना या फिर नाखून चबाने जैसी आदातें लग सकती हैं।
मानसिक सेहत पर प्रभाव-
एनीमिया के कारण संज्ञानात्मक और तार्किक क्षमता में कमी होना आम बात है। मस्तिष्क में मोनोमाइन के मेटाबॉलिज्म में आयरन एक खास भूमिका निभाता है। आयरन की कमी की वजह से उदासीनता, चिड़चिड़ाहट, उनींदापन और ध्यान की कमी जैसी समस्या होने लगती है और ये ही लक्षण खराब मोनोमाइन ऑक्सीकरण की गतिविधि का संकेत भी हैं। हीमोग्लोबिन के लेवल में कमी की वजह से व्यक्ति में निराशा भी आने लगती हैं।
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