School Reopen : स्कूल खोलने को लेकर Unlock 3.0 Guidelines से पहले राज्‍यों से मांगी राय, अधिकांश का...



School Reopen : अनलॉक-2 की समयसीमा 31 जुलाई को खत्म हो रही है। ऐसे में अनलॉक-3 आने से पहले राज्यों की यह राय काफी अहम होगी।

School Reopen : कोरोना संकट के बीच स्कूलों को खोलने की संभावनाओं को टटोलने में जुटी केंद्र सरकार के सामने जो रुझान सामने आए हैंं, उनमें ज्यादातर राज्य फिलहाल अभी स्कूलों को खोलने को लेकर अनिर्णय की स्थिति में हैं। इनका कहना है कि उन्होंने अभी इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। वैसे भी अनलॉक-2 की समय-सीमा 31 जुलाई को खत्म हो रही है। ऐसे में अनलॉक-3 आने से पहले राज्यों की यह राय काफी अहम होगी। स्कूलों को खोलने को लेकर राज्यों से मांगी गई राय में हरियाणा, बिहार, दिल्ली और चंडीगढ़ ने अगस्त में ही इन्हें खोलने की इच्छा जताई है। इनमें हरियाणा और बिहार ने 15 अगस्त की तारीख तय की है। हालांकि कोरोना संक्रमण की जो रफ्तार है, उसे देखते हुए अभी कुछ कहना जल्दबाजी है। हालांकि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल जैसे कुछ एक राज्यों ने सितंबर में स्कूलों को खोलने की उम्मीद जताई है।

अनलॉक-2 खत्म होने से पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्कूलों के खोलने को लेकर राय मांगी थी। 15 जुलाई के आसपास मांगी गई इस राय में राज्यों से जो जानकारी निकलकर सामने आई है, उनमें ज्यादातर राज्यों ने साफ कहा है कि उन्होंने इसे लेकर अब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है। इनमें ज्यादातर राज्य ऐसे भी थे जिनका यह कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर ही वह फैसला लेंगे। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेस के दौरान इस बाबत पूछा गया था, जिसके बाद अब आगे की रणनीति तय की जा रही है।

इस बीच, मंत्रालय ने अभिभावकों से भी स्कूलों के खोलने को लेकर राय पूछी है। इसकी रिपोर्ट अभी राज्यों से आनी बाकी है। इसके बाद ही स्कूलों को खोलने को लेकर कोई भी अंतिम निर्णय हो सकेगा। हालांकि सूत्रों की मानें तो जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य है, उन्हें कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ स्कूलों को खोलने की छूट दी जा सकती है। वैसे भी मार्च से स्कूलों के लगातार बंद रहने से इन्हें खोलने का दबाव भी है। लेकिन बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहता। यही वजह है कि जो भी फैसला होगा, वह अभिभावकों और राज्यों की रायशुमारी के बाद ही होगा।


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