धोनी के उस छक्के को कौन भूल पाएगा, युवी से पहले उतरकर जड़ा 'विनिंग सिक्सर'



धोनी की कप्तानी में 9 साल पहले WC विजेता बना था भारत...धोनी के उस यादगार छक्के से मिला विश्व विजेता का ताज

भारत को दो-दो वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज 39 साल के महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. हालांकि वह आईपीएल खेलते रहेंगे. दुनिया के बेहतरीन फिनिशर में शुमार धोनी के उस छक्के को कौन भूल सकता है, जिससे 9 साल पहले 2011 में भारत दूसरी बार वर्ल्ड कप विजेता बना था.

2011 वर्ल्ड कप का खिताबी मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. जहां महेंद्र सिंद धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल में श्रीलंका को हरा कई मिथक तोड़े. वह पहली ऐसी मेजबान टीम बनी, जिसने वर्ल्ड कप जीता. इससे पहले किसी टीम ने अपनी धरती पर वर्ल्ड कप हासिल नहीं किया था.

275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे थे. 2 विकेट महज 31 रन पर गिर गए थे. एक समय टीम इंडिया 114 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी. ओपनर गौतम गंभीर क्रीज पर थे और उनका साथ देने के लिए युवराज को आना था, लेकिन सबको हैरत में डालते हुए युवराज से पहले कप्तान धोनी क्रीज पर आ गए. उन्होंने धमाकेदार पारी खेल कर भारत को जीत दिलाई, वे मैन ऑफ द मैच रहे.

धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की शानदार पार्टनरशिप की. गौतम गंभीर ने 97 रनों की ठोस पारी खेली. धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन (8 चौके, दो छक्के) तो बनाए ही, साथ ही 'बेस्ट फिनिशर' की परिभाषा पर खरे उतरते हुए नुवान कुलसेकरा की गेंद पर विजयी सिक्सर मारकर सबके दिलों को जीत लिया.

भारतीय क्रिकेट टीम 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप विजेता बनी... और प्रशंसक जश्न में डूब गए. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का विश्व विजेता बनने का सपना पूरा हो चुका था. टीम ने इस दिग्गज को कंधे पर बिठाया और पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया था.



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