राम मंदिर भूमि पूजन के बाद राहुल गांधी के ट्वीट पर भड़के लोग, कहा- कल तक करते थे अली-अली, आज हे राम



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 अगस्त, 2020) को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। मोदी के भूमि पूजन के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया और वह सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। केरल के वायनाड से सांसद ने ट्वीट कर कहा कि भगवान राम मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं और वह कभी घृणा एवं अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं। राम प्रेम हैं। वह कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘राम करुणा हैं। वह कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं। वह कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।’

राहुल गांधी के ट्वीट पर ट्विटर यूजर मनोज अग्रवाल @manoj_indore लिखते हैं, ‘कल तक जो करते थे अली-अली, आज कह रहे है हे राम हे राम। सब के राम, सब के मन में राम।’ जे. वशिष्ठ @jvashistha1612 लिखते हैं, ‘जब पूरा विश्व श्रीराम मय हो गया है, तो तुम कैसे बच सकते हो राहुल जी। अब आपका भवसागर से पार होना सुनिश्चित है।’ विक्रम @Gobhiji3 लिखते हैं, ‘राम किसी पार्टी की बपौती नहीं हैं, वो हम सबके हैं और जो खुद के नेता को राम से बड़ा माने वो सबसे बड़े अधर्मी हैं।’

इसी तरह एक यूजर @theskindoctor13 लिखते हैं, ‘वो सभी राजनीतिक जिन्होंने गर्व से टोपी पहनकर इफ्तारी देना और हिन्दू रीति रिवाजों, त्योहारों से कन्नी काटना धर्मनिरपेक्षता का पर्याय बना दिया था वो आज राम और शिव भक्त बने हिन्दू धर्म पर ज्ञान बांच रहे हैं। क्या दिन आ गए हैं।’ शिल्पा राजपूत @Shilpa_Bhartiy लिखती हैं, ‘सर आप की कांग्रेस पार्टी के अच्छे अच्छे नेता आज राम जन्मभूमि पूजा की एक दूसरे को बधाई दे रहे है और मंदिर का ताला खुलवाकर राम मंदिर निर्माण में कांग्रेस की मुख्य भूमिका है, ऐसा बात रहे है तो बाबरी ध्वंस पर जो आंसू बहा रहे थे वो लोग क्या वो मगरमच्छ के थे?’

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। भूमि पूजन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ भूमि पूजन की शुरुआत की और फिर मोदी द्वारा मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के साथ ही भूमि पूजन संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दौरान नौ शिलाओं की पूजा की गई और मोदी ने मंदिर की नींव की मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाया।


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