र्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdoğan) ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि कश्मीर अभी भी एक ज्वलंत मसला है। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से स्थिति और जटिल हो गई है।
भारत ने तुर्की को दी चेतावनी
नई दिल्ली: तुर्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाया। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdoğan) ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि कश्मीर अभी भी एक ज्वलंत मसला है। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से स्थिति और जटिल हो गई है। वहीं भारत ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने एर्दोगान की टिप्पणियों को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि हमारे मामले में दखल ना दें।
भारत के प्रतिनिधि ने दिया ये जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि हमने भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति की टिप्पणी सुनी। यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप है और यह भारत के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है। तुर्की को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और और अपनी नीतियों में भी इसे ज्यादा गंभीरता से प्रदर्शित करना चाहिए।
तुर्की के राष्ट्रपति ने क्या की थी टिप्पणी?
बता दें कि महासभा की बैठक के दूसरे दिन तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि कश्मीर विवाद दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिहाज से काफी अहम है और यह अब भी एक ज्वलंत मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद जो कदम उठाए गए हैं, उनसे स्थिति और जटिल हो गई है।
तुर्की ने कश्मीर का उठाया मुद्दा
बीते साल बी उठाया था कश्मीर का मुद्दा
उन्होंने कहा कि तुर्की संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के मसौदों के तहत और विशेष रूप से कश्मीर के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप, बातचीत के जरिए इस मामले को हल करने के पक्ष में है। बता दें कि पाकिस्तान के करीबी तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने बीते साल भी ये मुद्दा उठाया था। एर्दोगान ने पिछले साल महासभा कक्ष में उच्च स्तरीय चर्चा में भी कश्मीर का मसला उठाया था। वहीं भारत कश्मीर मामले पर किसी अन्य पक्ष के हस्तक्षेप को खारिज करता रहा है।
तुर्की ने पाकिस्तान के समर्थन में दिया था बयान
इसके अलावा इस साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर विशेष दर्जा खत्म करने का एक साल पूरा होने पर तुर्की ने पाकिस्तान के समर्थन में भारत के खिलाफ बयान दिया था। जिसके बाद भारत सरकार ने तुर्की के जम्मू और कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गैरजरुरी, गलत, और पक्षपाती बताया था।
साथ ही तुर्की को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी। भारत ने हिदायत दी थी कि भारत के आतंरिक मामलों में दखलअंदाजी ना करें और पहले जमीनी स्थिति की उचित समझ हासिल करें।
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