25,000 रुपये तक की सैलरी वालों के लिए बड़ी खबर, पढ़ाई-लिखाई और दवाई के लिए मिलेगा पैसा, जानिए सबकुछ




नई दिल्ली. अगर आपको महीने में सैलरी सिर्फ 25,000 रुपये तक ही मिलती है तो निराश मत होईए. आपको सिर्फ 25 रुपये के अंशदान पर सरकार पढ़ाई, लिखाई, दवाई और शादी सहित 19 तरह की सुविधाएं देगी. इतने कम वेतन वाले श्रमिकों के लिए सरकार ने सहायता के लिए कुछ प्रावधान किए हैं लेकिन इसकी जानकारी के अभाव में उसका लाभ नहीं मिल पाता. कई राज्यों में इस तरह की सुविधाएं हैं. आज हम हरियाणा की ऐसी ही योजना का जिक्र कर रहे हैं.

इसमें हर महीने अधिकतम 75 रुपये सरकार के वेलफेयर फंड में जमा करना होता है. जिसमें 25 रुपये वर्कर की सैलरी से कटता है और 50 रुपये कंपनी प्रबंधन की ओर से. हर फैक्ट्री के गेट पर इसका बोर्ड लगाना अनिवार्य है. यह स्कीम आपके लिए बड़े काम की है. अगर कोई महिला श्रमिक है और उसे शादी करनी है तो 51000 रुपये मिलेंगे. अगर श्रमिक की बेटियां हैं तो तीन लड़कियों की शादी में 51-51 हजार रुपये की मदद दी जाएगी. यह पैसा शादी से तीन दिन पहले दी जाएगी.


पढ़ाई-लिखाई के लिए मदद

>>अगर किसी श्रमिक के लड़के-लड़कियां पहली से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई जारी रखते हैं तो इसके लिए उन्हें स्कूल ड्रेस, किताब-कापियां आदि खरीदने के ​लिए हर साल 3000 से 4000 रुपये की मदद मिलेगी. यह सुविधा दो लड़के और तीन लड़कियों के लिए उपलब्ध है.

>>छात्रवृत्ति: यह सुविधा प्रत्येक श्रमिक की तीन लड़कियों और दो लड़कों के लिए है. 9वीं से लेकर अन्य कक्षाओं की पढ़ाई के लिए 5000 से लेकर 16000 रुपये तक मिलते हैं.

>>श्रमिकों के बच्चों को कल्चरल प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा.


>>श्रमिकों के बच्चों को खेलकूद (Sports) के लिए: प्रतियोगिता के आधार पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा.

कम सैलरी वालों के बच्चों की पढ़ाई के लिए मदद देती है सरकार

दवाई के लिए मदद

>>महिला श्रमिकों तथा श्रमिकों की पत्नियों को डिलीवरी पर 10-10 हजार रुपये. दो बार के लिए दिए जाएंगे.

>>श्रमिकों को चश्मे के लिए 1500 रुपये तक की मदद.

>>श्रमिकों की सेवा के दौरान दुर्घटना या अन्य कारण से दिव्यांग होने पर 1.5 लाख रुपये तक की मदद.

>>श्रमिकों और उनके आश्रितों को डेंटल केयर व जबड़ा लगवाने के लिए 4 से 10 हजार रुपये तक की मदद.

>>श्रमिकों की किसी भी दुर्घटना में अपंग हुए श्रमिकों व उनके आश्रितों को कृत्रिम अंगों (Artificial Limbs) के लिए सहायता मिलती है. लेकिन सैलरी 20 हजार रुपये ही होनी चाहिए.

>>बधिर श्रमिकों व उनके बधिर आश्रितों को श्रवण मशीन के लिए 5000 (पांच साल में एक बार)

>>श्रमिकों के दिव्यांग बच्चों को 20,000 से 30,000 रुपये. इसके तहत सर्विस और वेतन की सीमा तय नहीं है.

>>दिव्यांग श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को तिपहिया साईकिल के लिए 7000 रुपये.

अन्य सुविधाओं के लिए मदद

>>महीने में 18,000 रुपये वेतन पाने वाले श्रमिकों को हर पांच साल में साईकिल खरीदने के लिए 3000 रुपये, लेकिन सर्विस कम से कम 2 साल होनी चाहिए.

>>महिला श्रमिकों को नई सिलाई मशीन खरीदने के लिए हर पांच साल में एक बार 3500 रुपये देने का प्रावधान है.

>>पांच साल की सर्विस पर श्रमिकों को 1500 रुपये LTC (Leave Travel Concession) की सुविधा.

संकटकाल में परिवार की मदद

>>कार्यस्थल पर काम करते वक्त मौत होने पर आश्रित को 5 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. जबकि किसी अन्य कारण से मौत पर उसकी विधवा या आश्रित को 2,00,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. श्रमिक की कार्य स्थल या बाहर किसी भी कारण से मृत्यु होने पर दाह संस्कार के लिए 15000 रुपये देने का प्रावधान है.

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