पाकिस्तान में दो सगी बहनें एक महीने के अंदर बन गए भाई, जानिए पूरा मामला…



पाकिस्तान में इस दिनों एक मामले की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, दो सगी बहनों ने अपना सेक्स चेंज का ऑपरेशन करवाया और वो अब लड़का बन गई हैं. ये दोनों बहनें जन्म के बाद से ही लड़की थीं, लेकिन इन दोनों में लड़की जैसे कोई लक्ष्ण दिखाई नहीं थे. खबरों के अनुसार, एक निश्चित उम्र के बाद भी इन दोनों बहनों को महावरी नहीं आई थी.

इसके बाद इनके माता पिता इन दोनों को ईलाज के लिए अस्पताल लेकर गए जहां उन्हें पता चला कि दोनों बहनें ‘एटिपिकल जेनेटेलिया’ का शिकार थी और दोनों को जेंडर चेंज ऑपरेशन की जरूरत थी. बता दें, ‘एटिपिकल जेनेटेलिया’ एक ऐसी समस्या होती है जिसमें जन्म के बाद बच्चों को जेंडर स्पष्ट नहीं होता है. यह काफी रेयर मामला होता है और जन्म के बाद 0.3-0.8 प्रतिशत बच्चें ही इसका शिकार होते हैं. इन दोनों सगी बहनों का ऑपरेशन इस्लामाबाद के पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में 12 डॉक्टरों की टीम ने किया है.
बीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जिन दोनों सगी बहनों का ऑपरेशन हुआ है उसमें एक बुशरा आबिद है और दूसरी बहन का नाम वाफ़िया आबिद था. बुशरा आबिद जो ग्रेजुएशन कर रही हैं उन्होंने ऑपरेशन के बाद अपना नाम वलीद आबिद कर लिया है जबकि वाफ़िया आबिद नौंवी कक्षा की छात्रा हैं और उन्होंने अब अपना नया नाम मुराद आबिद कर लिया है. इन दोनों का जन्म पंजाब प्रांत में गुजरात ज़िले के सोनबड़ी गांव में वलीद और मुराद के घर हुआ था. वलीद और मुराद की नौं बेटिंया हैं. हालांकि, इस ऑपरेशन के बाद उनके दो बेटे और 7 बेटिंया है.

इस ऑपरेशन में शामिल डॉक्टर डॉक्टर अमजद चौधरी ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी जेंडर चेंज ऑपरेशन किए हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ऑपरेशन पहली बार किया है जिसमें दो सगी बहनों का ऑपरेशन किया हो. खबर के अनुसार, डॉक्टर अमजद चौधरी ने कहा,”हमने इन दोनों के अलग-अलग ऑपरेशन किये हैं. वलीद आबिद का ऑपरेशन 20 सितंबर को हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया. जब ऑपरेशन के सफ़ल होने की पूरी तरह से तसल्ली हो गई, तो हमने 10 अक्टूबर को मुराद आबिद का ऑपरेशन किया.” इन दोनों भाईयों को 21 अक्टूबर को घर लौटने की इजाजत दे दी गई थी.

वहीं ऑपरेशन के बाद वलीद आबिद ने कहा,”मैं इस्लामाबाद से लड़का बन कर गुजरात पहुंचा हूँ. इस बात की मुझे इतनी ख़ुशी है कि मैं बता नहीं सकता. मुझे तो बचपन से ही लड़कियों के कपड़े पसंद नहीं थे. मेरे काम और आदतें लड़कों जैसी थीं. मेरी सात बहनें, दो भाइयों को पाकर बहुत ख़ुश हो रही हैं. मेरे भाई आबिद भी खुश है.”


Post a Comment

0 Comments