बिजली चोरी: बिजली से भी तेज उसके चोर, तरीका जानकर उड़ गए कर्मचारी के होश





बिजली निगम के अफसरों के दबाव में ग्रामीण उपभोक्ताओं ने घरों के बाहर पोल पर मीटर तो लगवा लिए। लेकिन बिजली चोरी करने वालों की आदत आज भी नहीं बदली है। कोई ना कोई नई तरकीब लगाकर बिजली की चोरी कर ही लेते हैं। वहीं कुछ उपभोक्ताओं के बिजली चोरी का तरीका जानकर बिजली विभाग के कर्मचारियों के भी होश उड़ गए। बता दें कि अब कुछ उपभोक्ताओं ने पोल पर लगे मीटर में कवर्ड वायर में कील ठोंककर उसमें दूसरे तार से कनेक्ट घर के अंदर सप्लाई चालू कर धड़ल्ले से बिजली चोरी की नई तरकीब अपना ली है।

बता दें कि कवर्ड वायर पर कील बाहर की तरफ ज्यादा न दिखने की वजह से कोई शक भी नहीं कर पाता है। जिससे चोरी की बिजली से घर रोशन होते रहते हैं। इस स्मार्ट तरीके से की जा रही बिजली चोरी के 30 फीसदी केस जसिया सब डिवीजन के एसडीओ निहाल आलम की अगुवाई में गठित चेकिंग टीम ने गांवों में पकड़े हैं।

इन सात गांव रिठाल, घुसकानी, कटवाड़ा, जिंदराण, ब्राह्मणवास, बसंतपुर व धामण में चेकिंग टीम ने एक माह तक रात के अंधेरे और अल सुबह के समय औचक छापामार कार्रवाई कर 30 बिजली चोरी के केस पकड़े और उपभोक्ताओं पर 11 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। एसडीओ निहाल आलम ने नौ केस में कवर्ड केबल में कील ठोंककर दूसरे तार से बिजली चोरी होते पकड़े जाने की पुष्टि की है।

उन्होंने जानकारी दी कि शेष 70 फीसदी केस में कुंडी कनेक्शन, केबल में कट लगाकर बिजली चोरी होते पकड़ी गई है। एक्सईएन संजीव ठकराल ने मंगलवार दोपहर जसिया सब डिवीजन एरिया में चल रहे मेंटेनेंस कार्यों का इंस्पेक्शन किया।

साथ ही आपको जानकारी दें दें कि एमएंडपी एक्सईएन एसजी वत्स ने बताया कि लैब में सोनीपत, झज्जर और रोहतक जिले से 856 मीटर टेंपरिंग के संदेह में जांच के लिए लाए गए थे। लैब में कार्यरत एसडीओ अमित गर्ग, जेई धीरज कौशिक व लैब असिस्टेंट वीरसेन देसवाल की अगुवाई में सभी मीटरों की जांच की गई।

जिसमें तीन जिलों के 163 मीटर ऐसे मिले जिनमें हाईटेक तरीके से टेंपरिंग की गई थी। टीम ने रीडिंग नॉट विजिबल वाले मीटरों से डेटा रिकवरी की। उन्होंने आगे बताया कि 60 फीसदी केस में मीटर में रेसिस्टेंस फिट कर बिजली चोरी किए जाने की पुष्टि की गई है।

11सितंबर महीने के 25 दिन में तीन जिलों में टेम्परिंग के शक में उतारे गए 369 मीटरों को उपभोक्ताओं की मौजूदगी में लैब में चेक किया था। जिसमें 72 मीटर में रीडिंग नॉट विजिबल, तार लगाकर रीडिंग धीमी करने सहित अन्य कई तरीकों से हो रही बिजली चोरी को पकड़ा गया।


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