एक सपना जिसने बदल दी जिंदगी, मां को लेकर देश घूमने निकला बेटा



इन दिनों सोशल मीडिया पर एक युवा कारोबारी सरथ कृष्णन की अपने मां के साथ यात्राएं करने की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. सरथ देश के अधिकांश हिस्सों की यात्रा अपनी मां के साथ कर चुके हैं और बीते दिनों उन्होंने ऐसा करने की वजह भी बताई थी. सरथ कृष्णन ने कहा कि एक दिन उन्होंने देखा कि वो अपनी मां का हाथ पकड़े वाराणसी (काशी) के घाटों पर घूम रहे हैं और पीछे से भजन की आवाज आ रही है, लेकिन जैसे ही उनकी आंख खुली तो उन्हें एहसास हुआ कि दरअसल वो त्रिशूर का उनका कमरा था जहां वो नींद में सपना देख रहे थे. (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)



उन्होंने बताया मुझे यह असंभव लग रहा था क्योंकि मैं वाराणसी के घाटों से उठने वाली सुगंध को महसूस कर सकता था. यह एक सपना कैसे हो सकता है, इसी के साथ उन्होंने एक फैसला लिया और बिस्तर से बाहर निकलर लैपटॉप से दो हवाई टिकट बुक किए. रसोई में जाकर उन्होंने अपनी मां को बताया, “अम्मा, मैंने टिकट बुक कर ली है; चलो अब चलते हैं!" (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)


उनकी मां, गीता रामचंद्रन बेटे के वाराणसी जाने के फैसले को लेकर चौंक गई. उन्होंने विरोध करने की कोशिश की लेकिन उनका बेटा अड़ा रहा. इसके बाद कुछ घंटों में, वे तीन दिन के लिए कपड़ों के एक बैग के साथ कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर थे. सरथ याद करते हुए कहते हैं, “हम फ्लाइट में सवार हुए और शाम 7 बजे तक वाराणसी पहुंच गए. हौसला बढ़ने के बाद, हम उस सुबह सपने में जैसे हाथ पकड़े घाटों पर चले गए. ” अब उनकी मां गीता के लिए यह आश्चर्य की बात नहीं है; क्योंकि उनका विचित्र बेटा हमेशा अपनी मां के साथ दुनिया का पता लगाने के लिए ऑन-द-स्पॉट निर्णय लेता है और फिर बैग पैक कर लेता है. (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)


30 साल के सरथ कहते हैं कि अम्मा के साथ कोई भी यात्रा स्वर्ग जैसा सुख देती है. गीता भी इसे बहुत पसंद करती हैं. साथ में, मां-बेटे की ये जोड़ी लगभग हर तीन महीने में एक बार यात्रा पर जाती है. इनकी “पहली यात्रा मुंबई की थी जहां से ये नासिक, शिरडी और अजंता-एलोरा की गुफाएं गए थे. यात्रा में 11 दिन लगे, “60 वर्षीय गीता याद करती हैं, जो तब से अपने बेटे के साथ दिल्ली, अमृतसर, वाघा बॉर्डर, तिब्बत, नेपाल और माउंट एवरेस्ट शिखर पर जा चुकी हैं! (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)



कारोबारी सरथ ने बहुत सी यात्राएं की हैं, दोनों अपने काम के हिस्से के रूप में और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए निकलते हैं. उन्होंने कहा, ''एक सुंदर दृश्य और नए अनुभवों की खुशी, मैं अम्मा के साथ साझा करना चाहता था और मैंने उससे पूछा कि क्या वह मेरे साथ आएंगी. अम्मा आध्यात्मिक व्यक्ति होने के कारण हमारे घर से बाहर नहीं निकलीं,  मुझे मजबूरन उसे अपने साथ आने के लिए बाध्य करना पड़ा लेकिन एक बार जब हम यात्रा शुरू करते हैं, तो फिर वह बेहद खुश रहती है. (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)



गीता भी हंसते हुए कहती हैं, “मुझे नहीं पता था कि मैं इन सालों में क्या याद कर रही हूं. मैं 60 साल की हूं, मधुमेह की वजह से इस उम्र में दुनिया को देखने की आशा नहीं थी. लेकिन अब मैं बेहद खुश हूं और अगली यात्रा की योजना बना रहा हूं. मेरी प्रार्थना है कि अब मेरे जीवन को किस्मत कुछ साल और आगे बढ़ा दे ताकि मैं बची हुई जगहों पर भी जा सकूं. (तस्वीर साभार- फेसबुक/Sarath Krishnan)

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