यूपी पुलिस और परिवहन विभाग उन गाड़ियों का चालान काट रहे हैं जिन पर जातिसूचक कोई शब्द लिखा है। इसके अलावा कुछ अन्य भी लिखा मिलता है तब भी कार्रवाई होगी।
कानून कहता है कि गाड़ियों के नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ भी लिखना गलत है। यहाँ तक कि नंबर के फांट साइज और उसकी स्टाइल भी नियम के अनुकूल होनी चाहिए।
यूपी पुलिस और परिवहन विभाग ने यह कार्रवाई तब शुरू की, जब उन्हें इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम पर किसी ने इसकी शिकायत की। एक तरफ यूपी पुलिस और परिवहन विभाग कार्रवाई कर रहा है तो दूसरी ओर मोटर वीइकल ऐक्ट का उल्लंघन आम दिनों की तरह अभी भी जारी है।
गाड़ी की नंबर प्लेट पर ये लिखा नहीं होना चाहिए
नंबर प्लेटों पर जातिसूचक शब्दों के अलावा यूपी पुलिस, उत्तर प्रदेश सरकार, न्यायाधीश, सांसद, वकील, पत्रकार और विधायक शब्द मिल जाएं या फिर पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और बड़ा विधायक आदि भी लिखा मिलता है तो कार्यवाही होगी।
पहली बार पांच सौ और दोबारा उल्लंघन पर 1500 रुपये का चालान
परिवहन विभाग के अनुसार नंबर भी तय फॉर्मेट के अनुसार होना चाहिए। मोटर वीइकल ऐक्ट की धारा 177 में दंड का प्रावधान है। नियमों का उललंघन किया जाता है तो पहली बार 500 और दूसरी 1500 रुपए का चालान होगा।
शीशे पर नहीं लिखें
परिवहन विभाग के अनुसार गाड़ी के शीशे पर आप नहीं लिख सकते या अन्य कोई हिस्से पर नहीं लिख सकते ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
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