कौशांबी में बुधवार भोर तकबीरन तीन बजे आई एक फोन कॉल के बाद देवीगंज बाजार स्थित गेस्ट हाउस में अफरातफरी मच गई। हर शख्स घटना की जानकारी होने के बाद मौके की तरफ भागने लगा। दुल्हन बनी विमला को माजरा समझ में नहीं आ रहा था।
वह हर शख्स से बस यही पूछती दिखी कि ऐ... भइया हुआ क्या। कुछ पल तो उसे ऐसा लगा कि बराती शायद नाराज होकर अपने-अपने वाहनों से भागे जा रहे थे। बाद में किसी ने विमला को बताया गया कि हादसे में उसकी ननद समेत आठ लोगों की मौत हो गई है तो वह दहाड़ मारकर रो पड़ी।
फतेहपुर जिले के सुल्तानपुर घोष कोतवाली अंतर्गत मवई गांव निवासी कारोबारी मानिक चंद्र की बेटी विमला की शादी मंगलवार को शहजादपुर गांव के पंकज अग्रहरि से तय हुई थी। शाम को धूमधाम के साथ बरात पहुंची। बराती नाचते-गाते हुए गेस्ट पहुंचे तो घरातियों ने फूल माला से उनका स्वागत किया। इसके बाद आगवानी व जयमाल की रस्म अदा की गई।
दुल्हन बनी विमला को उसकी ननद शशि ने अपने साथ ही भोजन कराया। इसके बाद विवाह की अन्य रस्म होनी थी। इसी बीच दूल्हे पंकज की बहन ने घर जाने का प्लान बना लिया। जाते वक्त वह विमला से मिलकर निकली थी। इसके कुछ ही देर बाद गेस्ट हाउस में अफरातफरी मच गई। रिश्तेदार से लेकर हलवाई, टेंट व कैटरिंग वाले भी चले गए।
विमला के साथ बची थी तो कुछ घराती पक्ष की महिलाएं। उन्हें भी कुछ समझ नहीं आ रहा था। बाद में पता चला कि सड़क दुर्घटना में कुछ देर पहले उससे मिलकर निकली ननद व भांजे के साथ ही आठ लोगों की मौत हो गई है तो विमला दहाड़ मारकर रो पड़ी। साथ रही महिलाओं ने उसे संभालने का प्रयास किया, लेकिन उसका रोना बंद नहीं हुआ। बाद में विमला को बिना विदा कराए मायके भेज दिया गया।
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