किसान आंदोलन : 11 जनवरी से दिल्ली आने के छोटे रास्ते भी होंगे बंद





दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ नई रणनीति पर काम शुरू हो गया है। कई किसान संगठनों ने शनिवार को बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की और फिर आंदोलन में बैठे लोगों को बताया कि अगर 10 जनवरी तक केन्द्र की सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो 11 जनवरी के बाद से टिकरी बॉर्डर की साइड से दिल्ली आने के लिए सभी छोटे रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। जिससे आंदोलन को तेज किया जा सके। शनिवार सुबह से ही रूक रूक कर दिल्ली में बारिश आती रही, लेकिन किसानों का जोश कम नहीं हुआ और सरकार के खिलाफ नारेबाजी और नए मंच से भाषण भी जारी रहा।

रास्ते बंद कर आंदोलन करेंगे तेज
शनिवार दोपहर में भारतीय किसान यूनियन, पंजाब, हरियाणा के किसान संगठनों ने टिकरी बॉर्डर पर बैठक की। इस बैठक में जोगेन्द्र नैन, घासी राम, दलजीत कौर, गुरप्रीत सिंह जुर्माना, प्रगट सिंह परषोतम सिंह शामिल रहे। सभी किसान नेताओं ने टिकरी बॉर्डर की बैठक में हुए फैसले को सिंघू बॉर्डर पर मौजूद संयुक्त किसान सगंठन तक पहुंचे की बात कही और 11 जनवरी के बाद से आंदोलन को तेज कर सभी छोटे रास्ते बंद करने के साथ ही हल्के वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाने की बात कही। जिससे सरकार उनकी मुसिबतों को समझ सकें और आंदोलन को लेकर गंभीरता दिखाए।

बारिश में भी कम नहीं हुआ जोश
शनिवार सुबह से ही बारिश होने के चलते आंदोलन में रूके किसानों को मुसिबतों का सामना करना पड़ा। टिकरी बॉर्डर पर बने मंच को खाली कर दिया गया। मंच खाली होने के बाद आंदोलन में बैठे किसानों के बीच में ही छोटा सा मंच बनाया गया और यहां पर बैठक कर वहीं से लोगों को सम्बोधित किया गया। किसानों के बीच में ही किसान नेता पहुंचे और वहां किसानों की सहमति के बाद आंदोलन के सभी फैसले लिए गए। बारिश के बाद मंच और अन्य जगहों पर वाटर प्रुफ टैंट का इंतजाम करने के लिए बोला गया है। रविवार को बड़े स्तर पर टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कारी किसानों के लिए वाटर प्रुफ टैंट लगाया जाएगा।

सोने के लिए नहीं बची जगह
बारिश के चलते किसानों के सोने के लिए बनाए गए टैंट, कपड़े, ट्रॉली पर बने अस्थाई बसैरे गिले हो गए है। ऐसे में किसानों का कहना था कि शनिवार रात यहां मुसिबत भरी हो सकती है क्योंकि बारिश के चलते जहां सर्दी बढ़ गई है और वहीं पानी में कपड़े, टैंट आदि गिले हो गए है। जिससे सोने के लिए जगह नहीं बची है। ऐसे में शनिवार को पूरा दिन रात की नई व्यवस्था करने में ही निकल गया।

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