बूंदी से गुजरेगा 8 लेन एक्सप्रेस हाइवे, 8 घंटे में तय होगा मुंबई का सफर, अभी ट्रेन में लगते हैं 13 घंटे







8 लेन का एक्सप्रेस हाइवे से दिल्ली से मुंबई 1290  बूंदी के डेवलपमेंट को हाई स्पीड देनेवाला प्रोजेक्ट बूंदी की जमीं पर भी उतर चुका है। देश के बिग ड्रीम भारतमाला प्रोजेक्ट में दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर में बूंदी भी शामिल हो चुका है। 8 लेन के एक्सप्रेस हाइवे का काम बूंदी में भी शुरू हो चुका है। बूंदी पहली बार किसी 8 लेन एक्सप्रेस हाइवे से जुड़ने जा रहा है।
बूंदी की देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। बूंदी के विकास को 120 की स्पीड से रफ्तार मिलेगी, जिससे हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। बूंदी में इंडस्ट्रियल, परिवहन व रोजगार में बड़ा बदलाव आनेवाला है।

एक्सप्रेस हाइवे जिले के इंद्रगढ़, लाखेरी सहित कई गांवों से होकर कोटा जिले में प्रवेश कर जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर तीन बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। बूंदी में फर्स्ट फेज का काम शुरू हो चुका है जो 2021 में रफ्तार पकड़ लेगा। फिलहाल जमीन लेवलिंग सहित अन्य काम चल रहा है।
हमारे गांव-शहर दिल्ली-मुंबई से सीधे जुड़ जाएंगे
एक्सप्रेस हाइवे से ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक में बड़ा बदलाव होगा। जिले सहित छोटे-बड़े शहरों की पहुंच देश के दिल दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई तक पहुंच आसान हो जाएगी। अभी इंद्रगढ़, लाखेरी के लिए ट्रेन ही साधन है।

100 मी. चौड़ा होगा एक्सप्रेस वे, दिल्ली से मुंबई के सफर में बचेंगे 12 घंटे

8 लेन का एक्सप्रेस हाइवे से दिल्ली से मुंबई 1290 किमी की दूरी 12 घंटे में कवर हो जाएगी। यह एक्सप्रेस वे दिल्ली से वडोदरा तक 900 किमी लंबा है। 100 मीटर चौड़ा 8 लेन वाला एक्सप्रेस हाइवे परिवहन व यातायात के लिए बेहतरीन विकल्प उपलब्ध कराएगा। इसकी अनुमानित लागत एक लाख करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनने से बूंदी को ये होंगे 3 बड़े फायदे

1. बूंदी से दिल्ली और मुंबई जाने में दूरी घटेगी, समय बचेगा
देश के सबसे लंबे 8 लेन एक्सप्रेस हाइवे बन जाने के बाद बूंदी की कनेक्टिविटी दिल्ली और मुंबई से सीधी हो जाएगी। दिल्ली जाने में अभी ट्रेन से 10 घंटे लगते हैं, जो हाइवे से 6 घंटे ही लगेंगे। वहीं मुंबई जाने में ट्रेन से 13 घंटे लगते हैं, जो हाइवे से 8 घंटे में ही पूरी हो जाएगी।

2. ट्रांसपोर्ट व इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप होगा
एक्सप्रेस हाइवे कीे दोनों तरफ ट्रांसपोर्ट व इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप होगा। जो हमारे डेवलपमेंट को भी उड़ान देगा। मौजूदा इंडस्ट्रियल और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में भी भारी बदलाव आएगा। ऐसे में स्थानीय उद्योग डेवलप होंगे, उनकी पहुंच मेगा सिटीज तक आसानी से हो जाएगी।

3. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बढ़ जाएंगी व्यावसायिक गतिविधियां
एक्सप्रेस हाइवे की दोनों तरफ इंडस्ट्रीज, सर्विस स्टेशन, मॉल्स आदि डेवलप होंगे। इससे यहां रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। जिले के साथ आसपास के जिले भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो जाएंगे। एक्सप्रेस हाइवे के आसपास की जमीनों के भाव भी आसमान पर पहुंच जाएंगे। इससे पूरे बूंदी जिले का सिनेरियो चेंज हो जाएगा।

अधिग्रहित भूमि व मुआवजे का कार्य अंतिम चरण में

बूंदी में हाइवे का तीन जोन में निर्माण शुरू हुआ है। तीन कंपनियां काम कर रही हैं। वाटर हार्वेस्टिंग भी डेवलप किया जाएगा, ताकि बरसात के पानी का उपयोग हो। - लवकुश, सुपरवाइजर, हाइवे निर्माण कंपनी


एक्सप्रेस हाइवे जिले की सीमा से होकर निकलेगा। इससे औद्योगिक और व्यापारिक विकास होगा। अधिग्रहित भूमि व इससे जुड़े मुआवजे व अन्य कार्य अंतिम चरण में हैं। - प्रमोद कुमार, एसडीएम, लाखेरी


इंद्रगढ़ - मोतीनगर, चाकन डैम के पास हाइवे का निर्माण शुरू

क्षेत्र की गुढ़ा पंचायत के गांव मोतीनगर, चाकन डैम के पास एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण शुरू किया गया है। इसकी चौड़ाई लगभग 320 फीट है। यह हाइवे शेरगंज, टोकसपुरा, नयागांव, महापुरा, हरदेवगंज, धाकड़खेड़ी, देवपुरा, बिशनपुरा, बालापुरा,पापड़ी से लबान होते हुए और आगे निकल जाएगा। जिन लोगों की कृषि भूमि एक्सप्रेस हाइवे की जद में आई है, उन्हें मुआवजा राशि दी जा चुकी है।

431 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण, 97 करोड़ रुपए का मुआवजा
एक्सप्रेस हाइवे जिले में 38 किमी की दूरी तय करेगा। 431 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है, जिसका 96 करोड़ 75 लाख का मुआवजा तय किया गया है। सड़क, पिलर, टनल शामिल हैं। जिले में यह हाइवे टोंक के रोशनपुरा से शुरू होकर इंद्रगढ़, लाखेरी के गांवों के करीब रेलवे लाइन के साथ मेज नदी क्राॅस करते हुए पापड़ी, लबान होकर चहीचा गांव के पास से कोटा जिले में प्रवेश कर जाएगा। दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, भरतपुर, अलवर की सीमा से गुजरेगा।

हाइवे का 38 किमी हिस्सा बूंदी से गुजरेगा, टनल भी बनेगी
कहां से कहां तक: दिल्ली, गुड़गांव, मेवात, रणथंभौर, बूंदी, कोटा, मुकंदरा, रतलाम, दाहोद, गोधरा, वडोदरा, सूरत, दहीसर, मुंबई 431 है. जमीन एक्सप्रेस-वे के लिए बूंदी जिले में अधिगृहित की है, जिसमें सरकारी और निजी जमीन है। इसका मुआवजा 96.75 करोड़ बना है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
फायदा: दिल्ली-मुंबई के सफर में लगने वाला समय आधा रह जाएगा, यात्रा का समय 24 की जगह 12 घंटे हाे जाएगा।

दिल्ली-मुंबई के बीच हाइवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप होगा, पूरा सिनेरियो ही बदल जाएगा।


दिल्ली-मुंबई के बीच सफर पर हर साल 320 मिलियन डीजल, पेट्रोल बचेगा।


एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की स्पीड 120 किमी प्रति घंटे की हो जाएगी।


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