IND vs AUS: नेहरा ने बताया, आखिर क्‍यों सिडनी टेस्‍ट में मिलनी चाहिए नवदीप सैनी को जगह?



आशीष नेहरा (Ashish Nehra ) का मानना है कि अगर क्रिकेट के तर्क के अनुसार चलें तो गुरुवार से शुरू हो रहे सिडनी टेस्ट में नवदीप सैनी का चयन होना चाहिए.




नई दिल्ली. पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) का मानना है कि अतिरिक्त गति और उछाल हासिल करने की क्षमता नवदीप सैनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में तीसरे तेज गेंदबाज के स्थान के लिए ‘पहली पसंद’ बना सकती है. शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन भी अंतिम एकादश में जगह बनाने की दौड़ में शामिल हैं, लेकिन बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज नेहरा का मानना है कि अगर क्रिकेट के तर्क के अनुसार चलें तो गुरुवार से शुरू हो रहे सिडनी टेस्ट में सैनी का चयन होना चाहिए.

नेहरा ने मंगलवार को पीटीआई से कहा कि अगर आप टीम के संयोजन हो देखें तो सैनी पहली पसंद है और शार्दुल और नटराजन दोनों मोहम्मद शमी और उमेश यादव के विकल्प के तौर पर टीम में शामिल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए अगर टेस्ट टीम के शुरुआती चयन में अगर सैनी उनसे आगे था, तो मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि अब वह पिछड़ जाएगा. आपको पहले उन्‍हें चुना इसलिए बेशक आपका मानना है कि वह बाकी दो से बेहतर है. क्या ऐसा नहीं है.

सैनी के पास है अतिरिक्‍त गति और उछाल



नेहरा से जब यह पूछा गया कि सीमित ओवरों के दो मैचों में लचर प्रदर्शन और फिर चोटिल होने जाने पर गौर नहीं किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि इस तर्क के अनुसार तो लोकेश राहुल (अब चोटिल) को पहले दो टेस्ट में पारी का आगाज करना चाहिए था. ऐसा नहीं हुआ. इस तेज गेंदबाज ने बताया कि सिडनी के लिए सैनी क्यों बेहतर विकल्प हैं.
नेहरा ने कहा कि सैनी का मजबूत पक्ष उछाल और अतिरिक्त गति है. यह टेस्ट मैच है. नटराजन आम तौर पर विकेट कैसे लेता है? जब लोग उनके खिलाफ शॉट खेलने का प्रयास करते हैं साथ ही आपने भारत ए की ओर से खिलाकर नटराजन को नहीं परखा है, जैसा कि आपने मोहम्मद सिराज से साथ किया है, जिसने अपने प्रदर्शन से टीम में जगह बनाई है.

टेस्‍ट मैच में बल्‍लेबाज को करना होता है आउट

उन्होंने कहा कि इसी तरह सैनी ने भारत ए की ओर से लाल गेंद के कई दौरे करके अपने प्रदर्शन से टीम में जगह बनाई है. टेस्ट मैचों में आम तौर पर बल्लेबाज आउट नहीं होता. आपको उसे आउट करना होता है. यही अंतर है. नेहरा ने कहा कि सिडनी में हुए सीमित ओवरों के मैचों से संकेत जाता है कि पिच सपाट थी और ऐसी सतह पर तेज गति फायदेमंद हो सकती है.


उन्होंने साथ ही कहा कि मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों का सामना करने में परेशानी भी सैनी के पक्ष में जाती है. उन्होंने कहा कि साथ ही ऑस्ट्रेलिया की यह टीम शॉर्ट पिच गेंदबाजी के सामने उतनी सहज नहीं है जितने मैथ्यू हेडन या रिकी पोंटिंग जैसे अतीत के खिलाड़ी होते थे. सैनी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि वह शारदुल या नटराजन की तुलना में बेहतर बाउंसर करता है.

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