गोल्ड लोन लेते समय बरतें सावधानी, वरना बाद में पड़ेगा पछताना





सोना परंपरागत रूप से उपभोक्ताओं की पसंद रहा है। मौजूदा समय में भी कर्ज के कई विकल्प मिलने के बावजूद गोल्ड लोन सबसे आसानी से और सबसे जल्दी मिलता है। हालांकि, कोरोना संकट का गोल्ड लोन के कारोबार पर भी असर पड़ा है। संकट गहराने पर सोना 55 हजार के स्तर पर पहुंच गया था। जबकि टीका बनने के बाद इसकी कीमत 43 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक रह गई थी। दाम में उतार-चढ़ाव आने से गोल्ड लोन लोन वालों की मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानें गोल्ड लोन में किन बातों का रखें ध्यान।

सिर्फ कुछ घंटे में मिल जाता है लोन

किसी भी तरह के अन्य कर्ज के मुकाबले गोल्ड लोन सबसे अधिक आसानी से और सबसे कम समय में मिल जाता है। गोल्ड लोन के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महज पांच मिनट में भुगतान का दावा करती हैं। हालांकि, ऐसा कुछ ही मामलों में होता है। ज्यादातर मामलों में एक से दो घंटे के भीतर गोल्ड लोन मिल जाता है। इसमें ज्यादा दस्तावेज की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड लोन के बदले सिर्फ ब्याज चुकाना पड़ता है बाकी कर्ज की तरह कोई ऊंची ईएमआई नहीं देनी पड़ती है।

सोने पर कितना ले सकते हैं लोन

रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सोने के मूल्य का 75 फीसदी तक कर्ज दे सकती हैं। वहीं बैंक 90 फीसदी तक कर्ज दे सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर एनबीएफसी और बैंक सामान्य स्थिति में 75 फीसदी ही भुगतान करना पसंद करते हैं। कुछ मामलों में बैंक ग्राहक से पुराने संबंध और उसके खातों की स्थिति के अनुसार अधिकतम भुगतान का भी विकल्प देते हैं। गोल्ड लोन की ब्याज दरें सात से 27 फीसदी तक हैं।

कोरोना से घटी लोन की अवधि

मौजूदा समय में ज्यादातर एनबीएफसी और बैंक एक साल के लिए गोल्ड लोन दे रहे हैं। हालांकि, इसे ग्राहक आगे भी बढ़वा सकते हैं। अवधि बढ़ाने का फैसला बैंक ग्राहक के भुगतान रिकॉर्ड देखने के बाद करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड लोन पहले दो साल के लिए दिए जा रहे थे। लेकिन कोरोना की वजह से इसे घटाकर अब एक साल कर दिया गया है। इसके बावजूद अवधि बढ़ावाने का विकल्प ग्राहकों के पास रहता है।

कई तरह के लगते हैं शुल्क

पर्सनल लोन पर केवल प्रोसेसिंग शुल्क लगता है। जबकि गोल्ड लोन पर कई तरह के शुल्क बैंक और एनबीएफसी वसूलती हैं। इसमें प्रोसेसिंग शुल्क, स्टांप शुल्क और मूल्यांकन शुल्क आदि शामिल हैं। कुछ एनबीएफसी और बैंक पूर्व भुगतान शुल्क भी वसूलते हैं।

दाम घटने पर मांगते हैं राशि

आपको 10 लाख रुपये का गोल्ड लोन मिल सकता है तो सात या आठ लाख रुपये का लोन ही लेना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने के दाम में गिरावट आने पर बैंक कर्ज अवधि के बीच में उतनी राशि चुकाने को कहते हैं। इसे ऐसे समझें। आपके सोने का मूल्य 10 लाख रुपये है और 75 फीसदी के हिसाब से आपने 7.50 लाख रुपये कर्ज एक साल के लिए ले लिया। छह माह बाद दाम में 20 फीसदी गिरावट आने पर सोने का मूल्य आठ लाख रुपये और कर्ज राशि छह लाख रुपये हो जाएगी। ऐसे में बैंक आपसे 1.50 लाख रुपये तुरंत चुकाने को कह सकते हैं।

Post a Comment

1 Comments

  1. Very nice post. I just stumbled upon your weblog and
    wanted to say that I’ve really enjoyed browsing your
    blog posts. After all I’ll be subscribing to your rss
    feed and I hope you write again soon!
    Thank you for sharing superb information.
    Let's Check it out this :--
    Indian Economy News Today
    Today Crime News in Hindi
    Crime News in India
    Share Market Business News
    Share Market News in Hindi
    Fashion and Entertainment News India

    ReplyDelete