भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने 3 मई तक अपनी सभी यात्री सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की है. भारतीय रेलवे (Indian Railways Officials) के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री द्वारा 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने के ऐलान के बाद रेलवे ने यह बड़ा कदम उठाया है. रेलवे ने प्रीमियम ट्रेन, मेल/एक्सप्रेस ट्रेन, पैसेंजर ट्रेन, सर्बर्न ट्रेन, कोलकाता मेट्रो रेल और कोंकण रेलवे आदि को 3 मई तक के लिए निलंबित कर दिया है. हालांकि देशभर में जरूरी खाद्य वस्तुओं की सुचारू रूप से आवागमन के लिए माल गाड़ियों का परिचालन होता रहेगा. सभी पैसेंजर टिकटों को कैंसिल किया जाएगा. साथ ही 3 मई तक रेलवे टिकट काउंटर बंद रहेंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देशव्यापी लॉकाडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है. उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपलोगों ने त्याग करके कोरोना से देश को बचाया है. अनुशासित सिपाही की तरह आपने जो किया है, उसे मैं नमन करता हूं. बाबा साहब के बनाए हमारे संविधान में वी द पीपल की बात कही गई है, यही तो इसका मकसद है. मैं आप सभी की ओर से बाबा साहब को नमन करता हूं. यह देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का मौसम है. यह देश उत्सवों से अकसर खिलखिलाता रहता है. अनेक राज्यों में नया साल प्रारंभ हुआ है. लॉकडाउन में आप सब सादगी से त्योहार मना रहे हैं. यह बहुत ही प्रेरक है. मैं नए साल पर आपके और परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं.
550 मामले होने पर ही कर दिया था 21 दिन का लॉकडाउन
साथियों, आज पूरी दुनिया में कोरोना से जो हालात पैदा हुआ है, उससे हम भलीभांति अवगत हैं. जब हमारे यहां एक भी केस नहीं था, तभी हमने एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग प्रारंभ कर दी थी. अनेक जगहों पर मॉल, थिएटर, क्लब, जिम सब बंद कर दिए गए. जब हमारे यहां कोरोना के केवल 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया था. हमने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया. जैसे ही समस्या दिखी, उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.
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Indian Railways extends suspension of its passenger services till May 3: Indian Railways Officials
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संकट है, जिससे किसी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि दुनिया के सामर्थ्यवान देशों के मुकाबले भारत बहुत संभली स्थिति में है. महीना-डेढ़ माह पहले कई देश भारत के बराबर खड़े थे, आज उन देशों में कोरोना के केस 25-30 गुना बढ़ गए हैं और हजारों की दुखद मौत हो चुकी है. भारत ने उचित कदम न उठाए होते, समय पर तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वहीं हमारे लिए सही है. सामाजिक दूरी का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. आर्थिक रूप से हमने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है, लेकिन भारतीयों के जीवन आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. भारत जिस मार्ग पर चला है, उसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है.
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