पति-पत्नी में अगर हों ये 5 अवगुण तो वैवाहिक जीवन में आती हैं कठिनाइयां



Chanakya Niti: चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में श्रेष्ठ पत्नी के गुणों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि गुणवान स्त्री अगर छोटे कुल से भी हो तो उसे अपनाने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए. वहीं जो स्त्री धर्म, शास्त्र और वेदों की समझ रखती है वह स्त्री कुल का नाम रोशन करती है.


स्त्री के गुणों के साथ साथ आचार्य चाणक्य ने स्त्री के अवगुणों पर भी प्रकाश डाला है. चाणक्य के अनुसार एक अच्छी स्त्री ही अच्छी पत्नी का धर्म निभा सकने में सक्षम होती है.


आचार्य चाणक्य कहते हैं जिस पत्नी में ये अवगुण होते हैं वो पत्नी रूपी स्त्री सक्षम और प्रतिभावान पुरुष को भी अंधकार की ओर ले जाती है. जिससे अंत में उसका जीवन दिशाहीन हो जाता है.


पत्नी में नहीं होने चाहिए ये अवगुण


झठू बोलने की आदत: ये ऐसा अवगुण है जो हर किसी को पीड़ा पहुंचाता है. स्वयं और दूसरों के लिए भी अच्छा नहीं होता है. जिस पत्नी में झूठ बोलने की आदत पनप जाती है उससे सुख दूर होने लगते हैं. इस असर उसके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ने लगता है.


क्रोध करना: क्रोध स्त्री के अन्य गुणों को नष्ट कर देता है. बात बात पर क्रोध करने वाली स्त्री मानसिक रूप से तनाव में रहती है. वह अपने आसपास होने वाली अच्छी चीजों का आनंद नहीं उठा पाती है. क्रोध से वैवाहिक जीवन में कलह की शुरूआत होती है जिससे परिवार की शांति भंग होती है.


संकट के समय धैर्य खो देना: स्त्री की असली परीक्षा संकट के समय ही होती है. चाणक्य के अनुसार मित्र, रिश्तेदार और पत्नी इन सभी की पहचान विपत्ति आने पर ही होती है. जो स्त्री संकट के समय धैर्य खो देती है वह समस्या में वृद्धि करती है.


गोपनीयता भंग करना: पत्नी को कभी भी पति और परिवार की बातों की गोपनीयता भंग नहीं करनी चाहिए ऐसा करके वह अपने पति और परिवार की मुश्किलें बढ़ाती है. यह आदत कभी कभी बड़ी समस्या भी खड़ी करती है. इससे आपसी रिश्तों में दरार उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है.


संस्कार और मर्यादा का त्याग करना: स्त्री को किसी भी सूरत में अपनी मर्यादा और संस्कारों का त्याग नहीं करना चाहिए. एक घर में उसकी कई जिम्मेदारियां होती हैं. जैसे पत्नी के रूप में, मां के रूप में और बहु आदि के रूप में. ये सभी जिम्मेदारियां तभी पूर्ण की जा सकती है जब संस्कार और मर्यादा का पालन किया जाए. ये स्त्री के ऐसे गुण हैं जिनकी वजह से वह सम्मान प्राप्त करती है.


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