सोच बदल देगी जिंदगी,पढ़िए यह शानदार प्रसंग



एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था। उसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी। क्योकि जब वह छोटा था। तब ही उसके पिता की मृत्यु हो गयी थी। उसकी माँ घर घर जाकर बर्तन मांज कर और सिलाई करके किसी न किसी तरह अपने घर का गुजारा करती थी। वह लड़का अक्सर चुप चुपचाप ही बैठा रहता था।


एक दिन उसके अध्यापक ने उसे एक पत्र देते हुए कहा – तुम इसे अपनी माँ को दे देना। उसने घर आकर वह पत्र अपनी माँ को दे दिया। उसकी माँ उस पत्र को पढ़कर मन ही मन मुस्कुराने लगी। बेटे ने अपनी माँ से पूछा – माँ इस पत्र में क्या लिखा है।


माँ ने मुस्कुराते हुए कहा – बेटा इसमें लिखा है की आपका बेटा कक्षा में सबसे होशियार है। इसका दिमाग सभी बच्चो से तेज है। हमारे पास ऐसे अध्यापक नहीं है। जो आपके बच्चे को पढ़ा सके। इसलिए आप इसका एडमिशन किसी ओर स्कूल में करवा दीजिए।


यह सुनकर वह लड़का खुश हो गया। और साथ ही साथ उसका कॉन्फिडेंस बहुत ही बढ़ गया। वह मन ही मन सोचने लगा की उसके पास कुछ खाश है। जिसके कारण वह इतना बुद्धिमान और तीव्र बुद्धि वाला है। अगले ही दिन उसकी माँ ने उसका एडमिशन दूसरे स्कूल में करवा दिया।


उस लड़के ने मन लगाकर पढाई की और एक दिन अपनी मेहनत के दम पर सिविल सर्विसेज का एग्जाम पास कर लिया। उसकी माँ बूढी हो चुकी थी। और एक बीमारी से ग्रस्त होने के कारण। एक दिन अचानक ही उसकी मृत्यु हो गयी। उस लड़के को अपनी माँ से बहुत ही लगाव था।


वह बहुत ही रोया। तभी अचानक उसने अपनी माँ की अलमारी खोली, और उसके सामानो को देखने लगा। तभी उसकी नज़र एक पत्र पर पड़ी। यह वही पत्र था जो उसकी टीचर ने उसकी माँ को देने के लिए दिया था। जब उसने उस पत्र को पढ़ा तो उसके होश उड़ गए।


उस पत्र में लिखा था की आपको ये बताते हुए हमे बहुत दुःख है। की आपका बेटा पढ़ाई – लिखाई में बहुत ही कमजोर है। यह खेल कूद में भी इतना अच्छा नहीं है। जिस तरह से इसकी उम्र बढ़ रही है। उस तरह से इसकी बुद्धि का विकास नहीं हो रहा है। इसलिए हम इसे स्कूल से निकाल रहे है। आप इसका एडमीशन किसी दूसरे स्कूल में करवा दीजिये। नहीं तो घर रहकर इसे पढ़ाइये।


Post a Comment

0 Comments