टीम इंडिया के खिलाड़ी का बड़ा बयान, कहा-धोनी सपोर्ट नहीं करते तो 8-10 वनडे खेलकर ही रह जाता

एमएस धोनी जुलाई 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं.


नई दिल्ली. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) भले ही करीब 9 महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं, लेकिन उनकी गिनती दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में की जाती है. ऐसा कप्तान जो अपने खिलाड़ियों और उनकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा करता है. यही वजह है कि टीम इंडिया (Team India) के सदस्य केदार जाधव (Kedar Jadhav) ने ये बात कहने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाई कि आज अगर वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इतने अधिक मैच खेल सके हैं तो वो सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी की वजह से, वर्ना हो सकता है कि वो 8-10 वनडे खेलकर ही रह जाते. हालांकि केदार जाधव को हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से बाहर कर दिया गया था. बाद में ये सीरीज कोरोना वायरस के चलते स्थगित कर दी गई.

अफसोस है कि सचिन के साथ नहीं खेल सका

35 साल के केदार जाधव (Kedar Jadhav) इंडियन प्रीमियर लीग में भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम चेन्नई सुपरकिंग्स में खेलते हैं. चेन्नई सुपरकिंग्स के इंस्टाग्राम लाइव चैट में जाधव ने कहा, हर युवा क्रिकेटर की तरह मेरे आदर्श भी सचिन तेंदुलकर थे. मुझे अफसोस है कि मैं उनके साथ नहीं खेल सका, लेकिन जब बात पसंदीदा क्रिकेटर की आती है तो वो एमएस धोनी (MS Dhoni) हैं. केदार जाधव ने कहा, जब मैं माही भाई से मिला तो मुझे लगा कि वो भारतीय कप्तान हैं और काफी सख्त होंगे. मगर उनसे मिलने के बाद पसंदीदा क्रिकेटर के तौर पर मुझे उनके अलावा और किसी क्रिकेटर का नाम नहीं सूझता.

73 वनडे में 42 का औसत

केदार जाधव (Kedar Jadhav) ने साल 2014 में भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था. तब से लेकर अब तक जाधव ने 73 वनडे मैचों में 42.09 की औसत व दो शतक और छह अर्धशतकों के साथ 1389 रन बनाए हैं. जाधव ने साथ ही कहा कि हो सकता है कि मैं टीम इंडिया के लिए सिर्फ 8-10 वनडे मैच ही खेलकर रह जाता, लेकिन माही भाई ने मेरा सपोर्ट किया. मैं जब भी उन्हें देखता हूं तो मुझे आत्मविश्वास महसूस होता है. और जब आपका कप्तान आपको आत्मविश्वास देता है तो इससे काफी मदद मिलती है.

माही भाई ने आत्मविश्वास दिया

अपने अनूठे साइडआर्म एक्शन के बारे में भी केदार जाधव (Kedar Jadhav) ने खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान मैंने ये एक्शन नेट्स में आजमाया था. तब अनिल कुंबले टीम के कोच थे. उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल सही एक्शन है. इसके बाद पहले वनडे में मैंने जिम्मी नीशम को अपनी ही गेंद पर कैच किया. वो मेरा पहला विकेट था, इसके बाद माही भाई ने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं गेंदबाजी कर सकता हूं.

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