जब सौरव गांगुली को चोटिल करने के लिये वसीम अकरम ने बनाया प्लान, अख्तर का खुलासा

दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी के चलते जहां लोग अपने घरों में रहकर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर रहे हैं वहीं खेल जगत से जुड़ी मशहूर हस्तियां सोशल मीडिया पर फैन्स के साथ बात करके अपना वक्त बिता रही हैं। इस बीच यह खिलाड़ी सोशल मीडिया पर या तो फैन्स के सवालों का जवाब दे रहे हैं, तो कुछ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के जरिये इंटरव्यू दे रहे हैं। पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर जो कि सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं उन्होंने भी इंस्टाग्राम पर लाइव चैट में फैन्स के सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया।

गुरुवार को इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान शोएब अख्तर ने पाकिस्तान की मशहूर टेलिविजन स्पोर्ट्स ऐंकर जैनब अब्बास के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट किया और भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के बीच कई बातों का खुलासा किया।

 

शोएब अख्तर ने सुनाई दादा के चोटिल होने की कहानी

मशहूर पाकिस्तानी एंकर से बात करते हुए शोएब अख्तर ने उस वाक्ये को याद ककिया जब खेल के दौरान सौरव गांगुली को चोट लग गई थी। शोएब अख्तर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि यह वाक्या भारतीय फैन्स को भी अच्छे से याद होगा जब मेरी गेंद पर सौरभ गांगुली चोटिल हो गये थे।

इस बारे में बात करते हुए शोएब अख्तर ने बताया कि वह प्लान उनका नहीं था बल्कि उस वक्त पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम का था।

शोएब अख्तर ने बताया किसका था प्लान

शोएब अख्तर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि सौरव गांगुली को आउट करने के लिये वसीम अकरम ने प्लान किया था कि हम उन्हें शॉर्ट बॉल खिलाएं और आउट करें क्योंकि शॉर्ट बॉल को वो अच्छी तरह से पिक नहीं कर पाते थे और वह पुल शॉट खेलने के प्रयास में अक्सर कैच आउट हो जाते थे।

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान टीम का गांगुली के खिलाफ यही प्लान होता था। कि उन्हें पसलियों पर बॉल फेंके और एक फील्डिर हम शॉर्ट लेग के पास खड़ा कर दें ताकि वह हमें कैच देकर आउट हो जाएं। हमने मोहाली से यह शुरू किया और शारजहां तक हम उन्हें ऐसे ही आउट करते रहे। एक दो बार वह चोटिल भी हुए। लेकिन यह रणनीति वसीम अकरम ने बनाई थी।'

गेंद मारने को लेकर गांगुली ने भी था टोका

शोएब अख्तर ने बताया कि गेंद मारने को लेकर सौरव गांगुली ने भी कई बार उन्हें टोका था।

अख्तर ने बताया, 'मैदान पर हम कितनी भी खौफनाक क्रिकेट क्यों न खेलते हों लेकिन मैदान के बाहर हम भी अच्छे दोस्त थे और एक-दूसरे अक्सर लंच या डिनर पर मिलते थे। मुझे खुद गांगुली ने भी कई बार टोका था कि भाई तुम सिर्फ पसलियों पर ही गेंद क्यों करते हो। कभी पसलियों के नीचे भी फेंका करो।'

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