साइमन टाॅफेल बोले- सहवाग के तिहरे शतक के पीछे मेरा भी हाथ था



नई दिल्ली। भला साल 2004 का 29 मार्च का दिन काैन भूल सकता है जब नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक ठोकते हुए इतिहास रचा था। सहवाग ने महज 364 गेंदों में अपने 300 रन पूरे किये. गजब की बात ये है कि सहवाग ने सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का लगाकर इस कारनामे को अंजाम दिया। सहवाग ने 375 गेंदों में कुल 309 रनों की पारी खेली, जिसमें 39 चौके और 6 छक्के शामिल थे। लेकिन उनके इस तिहरे शतक के पीछे पांच बार आईसीसी अंपायर आफ द ईयर पुरस्कार जीतने वाले साइमन टॉफेल का भी हाथ था।

आस्ट्रेलिया के दिग्गज अंपायर सामइन टॉफेल ने वीरेंद्र सहवाग के साथ बिताए पलों को ताजा करते हुए कई खुलासे किए हैं। इस दौरान 49 साल के साइमन टॉफेल ने मुल्तान में भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच की भी चर्चा की। आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार, इस मैच का जिक्र करते हुए टॉफेल ने कहा, ''मैं बहुत भाग्यशाली रहा था कि मुझे इस मैच में अंपायरिंग करने का माैका मिला था। मुझे सहवाग जैसे खिलाड़ियों के साथ अंपायरिंग करने में खूब मजा आता था। सहवाग का टेंपरामेंट बेहतरीन था। वह 300 रन भी बना सकते हैं और जीरो भी। फिर वही स्क्वायर लेग पर मेरे साथ खड़े होते। उन्हें किसी बात पर चकित करना आसान नहीं है वह हमेशा हाजिरजवाबी से पलटवार करते थे। मुझे याद नहीं, लेकिन सहवाग के तिहरे शतक के पीछे मेरा भी हाथ था। इसके पीछे मेरा छक्के का सिग्नल जिम्मेदार था।

टॉफेल ने साथ ही कहा कि मुल्तान टेस्ट में दूसरे अंपायर डेविड शेफर्ड थे, जबकि मैच रेफरी की जिम्मेदारी रंजन मदुगले संभाल रहे थे। इन दोनों के अनुभव से मुझे काफी मदद मिली। टॉफेल ने ये भी बताया कि इस मैच में सौरव गांगुली की जगह राहुल द्रविड़ भारतीय टीम की अगुआई कर रहे थे। गांगुली कमर में चोट लगने के कारण कप्तानी नहीं कर सके। बता दें कि टाॅफेल ने हाल ही में सहवाग को उन खिलाड़ियों में से एक बताया था जिनके खतरनाक शाॅट से अंपायर भी खाैफ खाते थे कि कहीं रफ्तार से गेंद उनकी तरफ ना आ जाए।

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