लॉकडाउन में पागल हो गए हैं शादीशुदा मर्द, तभी तो बढ़ गई हैं पुलिस में इस तरह की शिकायत



24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान के बाद से ही घरेलू हिंसा के मामलों में जबरदस्त इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है. गौरतलब है कि 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान के साथ ही भारत में लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं. घरेलू हिंसा की खबरें विशेष रूप से पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से मिल रही हैं. दिल्ली के डीसीपी (ऑपरेशंस एंड कम्युनिकेशंस) एसके सिंह के अनुसार, यह काफी हैरानी वाली बात है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े कॉल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ गए हैं. पहले घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ से जुड़ी प्रति दिन 900 से 1000 कॉल मिलती थी, हालांकि लॉकडाउन के बाद से प्रति दिन लगभग 1000 से 1200 कॉल पुलिस को मिल रही है.


डीसीपी एसके सिंह के अनुसार, कई महिलाओं ने दिल्ली में जेजे कॉलोनियों के पास से कॉल किया है और अपने पड़ोसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. कुछ खराब मानसिकता वाले लोग भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए घूम रहे हैं और लड़कियों के साथ अभद्रता और छेड़छाड़ को अंजाम दे रहे हैं. डीसीपी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण महिलाएं बाहर निकल कर शिकायत नहीं कर पा रही हैं लेकिन कॉल जरूर बढ़ गई हैं.


दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से घरेलू हिंसा के पीड़ितों में से एक का कहना है कि मेरे पति एक पान की दुकान में काम करते थे और मैं एक नौकरानी के रूप में काम करती थी. हमारी दो छोटी बेटियां हैं. लॉकडाउन के बाद से पति के पास नौकरी नहीं है. हमारे पास भोजन और पैसे भी नहीं है. पीड़िता के अनुसार, मेरे पति पहले मेरे साथ दुर्व्यवहार करते थे और कभी-कभी पीटते भी थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वो घर पर हैं और लगभग हर रोज मुझे पीटते हैं. वह मुझ पर अपनी भड़ास निकालते हैं. मैं शिकायत करने के लिए भी बाहर नहीं जा सकती. मेरे और मेरे बच्चों के लिए घरेलू यातना कोरोना महामारी से काफी बदतर है.


राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को भी 23 मार्च से 30 मार्च तक 58 शिकायतें मिली हैं. एनसीडब्ल्यू चीफ रेखा शर्मा के अनुसार, संख्या में इजाफा हुआ है. आदमी घर पर बैठे महिलाओं पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि, राज्यों के सटीक आंकड़े तत्काल उपलब्ध नहीं है. 58 शिकायतें हमें ईमेल पर मिली हैं. असली आंकड़ा और अधिक होने की संभावना है, क्योंकि समाज के निचले तबके की महिलाओं की शिकायतें बहुत हैं, जो हमें डाक के जरिए अपनी शिकायतें भेजती हैं, जो कि लॉकडाउन की वजह से नहीं पहुंच पा रही हैं.


रेखा शर्मा ने कहा, राज्य आयोगों ने भी घरेलू दुर्व्यवहार के मामलों में वृद्धि देखी है. हमने अपने सभी सदस्यों से ऐसे मामलों पर नजर रखने और उन्हें बचाने के लिए कहा है. साथ ही रेखा शर्मा ने महिलाओं से आग्रह किया है कि यदि वे घरेलू हिंसा का सामना करती हैं तो पुलिस से संपर्क करने या राज्य महिला आयोगों तक पहुंचने की कोशिश करें.


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