हज के इतिहास में अब इतने बार रद्द हो चुकी है हज यात्रा, जानें क्यों रद्द हुई थी हज यात्रा

इस्लाम में हर मुसलमान पर जो मक्का जाने की हैसियत रखता हो उस पर हज यात्रा करना अनिवार्य हैं. पैगंबर मुहम्मद (स.) के दौर से अब तक 40 बार हज यात्रा रद्द हो चुकी हैं. खलीज टाइम्स की वेबसाइट khaleejtimes.com पर 4 अप्रैल 2020 को प्रकाशित एक लेख में इस बारे में विस्तार से बताया गया हैं.




हज यात्राएं रद्द होने के पीछे राजनीतिक झगड़े और लड़ाईयां और प्लेग की महामारी रही हैं. सबसे पहले इसवी सन 629 में माउंट अरफात पर हुए नरसंहार के कारण हज यात्रा रद्द की गई थी. उसके बाद सन 930 से 940 तक लगातार हज यात्रा रद्द की गई. अबू ताहिर अल जन्नाबी ने मक्का शहर पर हमला करके 30 हजार हज यात्रियों को मार दिया था और काबे की दिवार में लगा पत्थर जिसे 'हजरे अस्वद' कहते है अपने साथ बहरीन ले गया था. जिसके कारण लगातार 10 सालों तक हज यात्रा रद्द की गई थी.




उसके बाद सन 967 में प्लेग की बीमारी फैली थी जिससे हजारों इंसान और जानवर मारे गए थे. इस साल भी हज यात्रा रद्द की गई थी. सन 983 से 991तक यानी लगातार 8 सालों तक अब्बासी और फातमी खिलाफ़त के बीच टकराव के कारण हज यात्रा का आयोजन रद्द किया गया था.




सन 1256 से 1260 तक राजनीतिक विवाद के कारण 5 सालों तक हज यात्रा रद्द की गई थी. सन 1837 से 1858 तक प्लेग और कॉलरा की महामारियों के कारण 3 बार हज यात्रा रद्द की गई थी. आखरी बार सन 1858 में हज यात्रा रद्द हुई थी तब से अब तक इसका सुचारू रूप से आयोजन जारी है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण इसके आयोजन पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं.


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