आम आदमी बाहर से आए तो क्वारंटीन में, नेताजी घूमकर आए तो वीवीआईपी छूट !



गुना। वैसे कोरोना तो आम या खास में भेद नहीं करता लेकिन शासन-प्रशासन ने आम व खास के लिए दो दो व्यवस्था बना रखी है। राजनैतिक दलों के लोगों को कहीं से भी आने पर क्वारंटीन नहीं होने की छूट है लेकिन आमजन को किसी भी सूरत में क्वारंटीन होना अनिवार्य है। सबसे अहम यह कि इस विशेष छूट के लिए सत्ताधारी दल का होना अनिवार्य नहीं है बल्कि राजनीति से जुड़ा होना अनिवार्य है।
बात करते हैं गुना जिला में लाॅकडाउन के दौरान संक्रमण से बचाव करने के लिए नियम का पालन कराए जाने की। सर्वविदित है कि जिले से बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को एहतियातन 14 दिन क्वारंटीन होना अनिवार्य है। इसके लिए उसे जगह जगह बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा या अगर व्यवस्था है तो होम क्वारंटीन भी रहा जा सकता है। चूंकि, यह सब अपने, अपने परिवार व मिलने वालों के लिए खास तौर पर बरता जाने वाला एहतियात है, इसलिए इसके लिए जागरुक भी किया जा रहा है।

लेकिन गुना में आम और खास के लिए अलग अलग व्यवस्था है। आम को क्वारंटीन होना पड़ रहा तो खास को छूट है। 
बीते दिनों की ही बात है कांग्रेसी नेता पूर्व श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया राजधानी भोपाल गए। भोपाल में रहकर वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हासिल किए। पूरे लाव-लश्कर के साथ वापस गुना लौटे लेकिन किसी ने भी उनको क्वारंटीन होने या इसका पालन कराने की जहमत नहीं उठाई। 
गुना जिला में कांग्रेस ने नया जिलाध्यक्ष बनाया है। जिलाध्यक्ष भी पहुंच गए भोपाल। वहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आदि कांग्रेसियों से मुलाकात की, उनको धन्यवाद ज्ञापित किया। वापस लौटे, कोई क्वारंटीन नहीं।

जिले में नेताओं के आराम से घूमने-फिरने की आजादी चर्चा का विषय है। भोपाल जैसे बड़े शहरों में संक्रमितों की संख्या अधिक होने और नेताओं का लगातार भोपाल आना-जाना जोखिम से भरा है। लेकिन कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
हालांकि, नेताओं के लिए अधिकारी अब विशेष मार्गदर्शन की बात कहकर लापरवाहियों को बढ़ावा दे रहे। कलक्टर एस.विश्वनाथन इस मामले में कहते हैं कि मामला मेरे संज्ञान में है। भोपाल जाने वाले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों आदि के बारे में शासन से मार्गदर्शन मांगा है। कुछ आदेश आते ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि इस बाबत संबंधित राजनेताआें की प्रतिक्रिया आते ही उसे भी जगह दिया जाएगा। 
बहरहाल, कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा। नेताओं की छूट जस की तस है। अधिकारी राजधानी भोपाल से मार्गदर्शन के इंतजार में है लेकिन आमजन परेशान हैं कि नियम पालन करने के बावजूद उनका शहर असुरक्षित होता जा रहा।

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