जावेद मियांदाद ने कहा- हमने भारतीय गेंदबाजों को लूटा और कूटा था
नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाजों में से एक जावेद मियांदाद (Javed Miandad) ने दावा किया है कि उन्होंने साल 1978-79 सीरीज में भारतीय गेंदबाजों को इतना पीटा था कि वो हमसे माफी मांगते थे. मियांदाद ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर ये बात कही. मियांदाद ने कहा कि उस वक्त पूरी दुनिया के बल्लेबाज ईरापल्ली प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी, वेंकटराघवन और चंद्रशेखर की चौकड़ी से डरती थी लेकिन उनकी पाकिस्तान में खूब धुनाई हुई.
मियांदाद ने कहा- हमने भारतीय गेंदबाजों को खूब कूटा
मियांदाद (Javed Miandad) ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर 1978-79 में भारत के पाकिस्तान दौरे को याद करते हुए एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा, 'इंडिया की सीरीज थी, बेदी साहब कप्तान थे. फैसलाबाद में मैच चल रहा था. चंद्रशेखर, वेंकटराघवन, प्रसन्ना और खुद बेदी टीम इंडिया की ताकत थे. इन चारों ने दुनिया को परेशान किया हुआ था. लेकिन पाकिस्तान ने उनको जिस तरह कूटा और उन्हें जिस तरह हमने लूटा, वो बात आज भी याद है.
मियांदाद (Javed Miandad) ने आगे कहा, 'चंद्रशेखर जहीर भाई को परेशान कर रहे थे. उन्होंने मुझे कहा जावेद तुम इसे संभालो. मुझे उन्होंने चंद्रशेखर दे दिया और खुद जहीर भाई तीनों गेंदबाजों को लूटे जा रहे थे और मैं नॉन स्ट्राइक पर खड़ा देखता रहता था. फिर मैंने जहीर भाई को कहा कि मैं अब आखिरी गेंद पर एक रन नहीं लूंगा, क्योंकि मुझे भी तो कुछ रन लूटने दो.' जावेद मियांदाद ने कहा, 'चंद्रशेखर ऐसे गेंदबाज थे तो उन्हें फ्रंटफुट पर खेलना मुश्किल था लेकिन वो हमसे माफी मांगते थे. एक-एक विकेट के लिए वो 200-200 रन लुटाते थे.' बता दें जिस मैच की बात मियांदाद कर रहे हैं उसमें उन्होंने खुद 154 और जहीर अब्बास ने 176 रन बनाए थे.
आक्रामक रवैया अपनाना जरूरी: मियांदाद
जावेद मियांदाद ने युवा क्रिकेटरों को सलाह दी कि क्रीज पर रुकने के साथ-साथ आक्रामक तरीके से रन बनाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ जब भारतीय गेंदबाज आगे फील्डर लगाते थे तो मैं आगे बढ़-बढ़कर उनको कूटता था.विकेट पर रुकना ही नहीं रन बनाना भी बेहद जरूरी है. मैंने इंजमाम को खुद ट्रेनिंग दी थी, उसके बाद उन्होंने जबर्दस्त शतक लगाया था. मुरलीधरन की खूब धुनाई की थी.'
मियांदाद (Javed Miandad) ने जहीर अब्बास की भी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा, 'जहीर अब्बास बेहद ही बेहतरीन खिलाड़ी थे, वो नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते थे और गेंदबाज उनसे घबराते थे. वो एशियन ब्रैडमैन थे. जहीर अब्बास मेरे भाई की तरह हैं और हम साथ भी खेले. जहीर भाई ने काउंटी क्रिकेट में 100 शतक लगाए हैं, ऐसा शायद ही कोई बल्लेबाज कर पाया हो.'
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