वीरेंद्र सहवाग...वो नाम जिन्हें आउट करने के बाद ना सिर्फ गेंदबाज बल्कि पूरी टीम की खुशी का ठिकाना नहीं रहता था। सहवाग जब मैदान पर उतरते थे तो गेंदबाज यही सोचता था कि आखिर कैसे उनसे बचा जाए। क्योंकि जब सहवाग अपनी लय में आते थे तो फिर गेंदबाजों की लय बिगड़ना तय होती थी। हाथ से गया हुआ मैच पलटने का माद्दा रखते थे। ऐसे में उन्हें आउट करने के लिए टीमें पहले से ही प्लानिंग कर लेती थीं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने भी एक ऐसा किस्सा शेयर किया जब उन्होंने भारत को हराने के लिए सहवाग को आउट करने की प्लानिंग बनाई थी।
किया 2005 का किस्सा साझा
इंजमाम ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर साल 2005 के उस समय का किस्सा शेयर किया जब पाकिस्तान 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत दाैरे पर आए थे। यह सीरीज 1-1 पर ड्रा रही थी। पाकिस्तान ने आखिरी मैच में जीत दर्ज कर लाज बजाई थी जो 24 मार्च 2005 से बेंगलुरू स्टेडियम में शुरू हुआ था। इंजमाम ने कहा, ''हमारे लिए सबसे महत्तवपूर्ण था वीरेंद्र सहवाग का विकेट लेना। भारत को आखिरी दिन मैच बचाना था और वो नेगेटिव माइंडसेट में पहुंच गए थे। वे ऐसे खिलाड़ी थे, जो हमें लगा था कि हमसे मैच छीन सकते हैं।''
सहवाग को आउट करने पर थी जीत की उम्मीद
पाकिस्तान ने पहली पारी में 570 रन बनाए थे, जबकि दूसरी पारी में 2 विकेट खोकर 261 रन बनाए और पारी घोषित करते हुए भारत के सामने 383 रनों का लक्ष्य रखा। इंजमाम ने कहा, ''अगले दिन मैंने अपनी टीम से कहा कि अगर हम सहवाग को आउट कर लेंगे, तो भारत इस लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाएगा। उस दिन रज्जाक ने सहवाग को रनआउट किया, मैंने सोचा कि अगर रज्जाक किसी बल्लेबाज को रनआउट कर सकता है, तो यह हमारा दिन है। इसके बाद भारत एकदम डिफेंसिव मोड में चला गया था। मैंने अपने फील्डर्स के साथ मिलकर सचिन तेंदुलकर जैसे बल्लेबाज के खिलाफ भी आक्रामक रवैया अपनाया। तेंदुलकर भी रन नहीं बना सके। जब मैच के आखिरी स्टेज में हम थे, तो हमें छह-सात एक्स्ट्रा ओवर मिल गए, जो मेरे फैसले के हिसाब से एकदम फिट थे।'' बता दें कि भारत यह मैच 168 रनों से हारा था।
कमजोर टीम के साथ आए थे भारत
इसके अलावा इंजमाम ने यह भी कहा कि उस समय उनकी कप्तानी में एक कमजोर टीम भारत दाैरे पर गई थी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाड़ी खुद चाहते थे कि टीम हारे आैर इंजमाम की कप्तानी जाए। इंजमाम ने कहा, ''मेरा 100वां टेस्ट मैच बेंगलुरु में खेला गया, मेरे लिए बहुत खास था। वो पूरा भारत दौरा बहुत खास था। एक टीम के तौर पर वो टेस्ट हमारे लिए बहुत अहम था। जब हम उस दौरे पर जा रहे थे, तो कई क्रिकेट दिग्गजों ने कहा था कि भारत दौरे पर जाने वाली यह सबसे कमजोर पाकिस्तानी टीम है। उन्हें लगा था कि भारत आसानी से हमें हरा देगा। हमारे पास अच्छा बॉलिंग अटैक नहीं था और एक कप्तान के तौर पर मैं यही सोच रहा था कि हम उन्हें ऑलआउट कैसे करेंगे।''
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