अम्फान के बाद अब निसर्ग: गुजरात और महाराष्ट्र से टकराने वाला यह तूफान कितना गंभीर है?


नई दिल्ली. चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan Super Cyclone) के गुजरने के बाद दो हफ्ते से भी कम समय के भीतर भारत के सामने एक और तूफान का खतरा मंडरा रहा है. इस बार यह भारत के पश्चिमी तट पर आएगा. हालांकि इसका प्रभाव अम्फान के मुकाबले कम हो सकता है. फिलहाल यह पूरी तरह से तूफान भी नहीं है. यह सिर्फ एक 'डिप्रेशन' यानी दबाव है जो मंगलवार सुबह तक 'डीप डिप्रेशन' यानी भारी दबाव में तब्दील हो सकता है और फिर यह एक तूफान की शक्ल लेगा. इस तूफान का नाम है 'निसर्ग. (Cyclone Nisarga)'

यह उत्तर महाराष्ट्र (Maharashtra) और दक्षिण गुजरात (Gujarat) के समुद्र तट की ओर जा रहा है. रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर के बीच, मुंबई के दक्षिण में और दमन, गुजरात तट के ठीक नीचे बुधवार को इसके तट से टकराने की संभावना है. उस समय तक इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में विकसित होने की आशंका है.

अम्फान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक थी

चक्रवातों की ताकत को उनकी हवा की गति से मापा जाता है. निसर्ग 95-105 किलोमीटर प्रति घंटे की गति में हवा की गति का होगा. दूसरी ओर अम्फान को श्रेणी 5 के सुपर-साइक्लोन के रूप में वर्गीकृत किया गया था, हालांकि यह श्रेणी 4 तक पहुंच गया था, जो तटों से टकराने पर 'अति गंभीर चक्रवाती तूफान' बन गया था, जिस समय हवा की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक थी.

उत्तर हिंद महासागर के बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात अरब सागर की ओर बने तूफान से अधिक लगातार और लंबे होते हैं. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अरब सागर के अपेक्षाकृत ठंडे पानी के चलते यहां बनने वाले तूफान बंगाल की खाड़ी की तरफ बनने वाले बहुत मजबूत चक्रवातों के मुकाबले कमजोर होते हैं. ओडिशा और आंध्र प्रदेश हर साल इन चक्रवातों का खामियाजा भुगतते हैं.

हालांकि पिछले साल परिस्थितियां थोड़ी असामान्य थीं, क्योंकि भारत के मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में 100 से अधिक वर्षों में लगातार और सबसे तीव्र चक्रवाती गतिविधि देखी गई थी. साल 2019 में क्षेत्र में पांच चक्रवात बने - वायु, हिक्का, क्यार, महा और पवन, जबकि सामान्य रूप से केवल एक या दो तूफान ही बनते हैं.

परिस्थितियां गंभीर हुईं तो यह एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा Cyclone Nisarga

मौजूदा तूफान निसर्ग की बात करें तो अगर परिस्थितियां गंभीर हुईं तो यह एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा, जिससे महाराष्ट्र के कुछ तटीय जिले इसके पूर्वानुमानित रास्ते में आ जाएंगे. हालांकि अभी भी ये तय करना बाकी है कि यह तूफान कहां टकराएगा, लेकिन इसके मुंबई के करीब होने की संभावना है. पड़ोसी जिले ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के भी प्रभावित होने की संभावना है और 4 जून तक इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान है.

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पहले ही केरल में दस्तक दे दी है. पश्चिम तट के समानांतर एक डिप्रेशन यानी दबाव है जो समुद्र के किनारे उत्तर की ओर तेज और अपनी गति में है. ऐसी परिस्थितियों में अरब सागर के पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों में पहले से ही खराब मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जिसके इस चक्रवात के कारण तेज होने की संभावना है.

हालांकि इस तूफान के चलते महाराष्ट्र में अगले तीन दिनों में बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण नहीं होगी, जिसका नॉर्थ-वेस्ट मूवमेंट अभी केरल से शुरू नहीं हुआ है. आम तौर पर महाराष्ट्र में मानसून 10 जून के बाद आता है.

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