बेहद खूबसूरत थी पृथ्वीराज की पत्नी, जिसके कारण गौरी से हार गया था युद्ध

से जाना जाता है, चम्हाण वंश का एक राजा था। उन्होंने वर्तमान उत्तर-पश्चिमी भारत में पारंपरिक चरणमान क्षेत्र, सपादलक्ष पर शासन किया। उनकी महानता और वीरता के बारे में आपको बताने की कोई जरूरत नहीं है।

पृथ्वीराज III वीर योद्धा होने के साथ-साथ एक महान प्रेमी भी थे। पथ्वीराज चौहान संयोगिता से बहुत ही अधिक प्रेम करते थे। उन्होंने कन्नौज से भागकर विवाह किया उसके बाद पृथ्वीराज हमेशा उनके ख्यालों में खोए रहते थे और उनकी ही बातों को याद करते रहते थे।

जब मोहम्मद गोरी तराइन का प्रथम युद्ध हार गया था तो उसके बाद उसे पृथ्वीराज की शक्ति का पता लग गया था। लेकिन बाद में पृथ्वीराज अपनी पत्नी संयोगिता के प्रेम के कारण महत्वपूर्ण कामों में ध्यान नहीं दे रहे थे और उन्होंने राज कार्यों में भी पूर्ण रूप से भाग लेना छोड़ दिया। तब इसका फायदा मोहम्मद गौरी को मिला।

उसने फिर से पृथ्वीराज से लड़ने की सोची। जितनी सेना के साथ उसने पहले आक्रमण किया था उस से भी दोगुनी सेना के साथ उसने इस बार आक्रमण किया। गौरी पानीपत में पहुंच गया और पृथ्वीराज को युद्ध के लिए सीधी चुनौती दे दी। पृथ्वीराज के एक मित्र ने उन्हें प्रेम जाल से बाहर निकल कर और चीजों पर ध्यान देने के लिए भी कहा और उसे समझाया लेकिन पृथ्वीराज इन सब बातों को समझ नहीं पा रहे थे।

उसने बाद में गौरी से लड़ने के लिए तैयारी करने के बारे में सोचा लेकिन जब तक पृथ्वीराज युद्ध की तैयारी करता उससे पहले ही मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज पर आक्रमण कर दिया और पृथ्वीराज को बंदी बना लिया।

Post a Comment

0 Comments