जो कई सालों में नहीं हुआ, वो लॉकडाउन ने कर दिखाया



 पटना देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। पिछले 72 दिनों से देश में लॉकडाउन था, ह्यूमन एक्टिविटी जैसे वाहनों का चलना और इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन आदि लगभग नहीं हो रही थी, जिसके शहर पूरी तरह से प्रदूषण रहित हो गया है यानि जो आज तक कई सालों में नहीं हुआ, उसे कोरोना ने मात्र 2 महीने के लॉकडाउन में कर दिखाया।


देश में प्रदूषण के मामले में बिहार की राजधानी पटना का स्थान 6वां है और विश्व में 7वां। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद शहर में प्रदूषण कम नहीं हो रहा था, लेकिन कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन पीरियड में शहर में प्रदूषण काफी कम हो गया।


लॉकडाउन के पहले पटना में प्रदूषण का आंकड़ा 300 से 400 होता था, वो अब 100 के नीचे आ गया है। हालांकि पिछले 3 दिनों में जरूर आंकड़ा ऊपर आया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष की माने तो पहले और दूसरे लॉकडाउन में शहर में प्रदूषण का आंकड़ा 50 तक पहुंच गया था। फिर जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट मिली तो प्रदूषण बढ़ने लगा है। एके घोष की माने तो ये चेतावनी और संकेत प्रकृति ने दिया है कि अगर हम सभी अपने जीवन शैली में सुधार करेगें तो प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सकता है।


पटना शहर के आबो-हवा बदलने से आम लोग काफी खुश है। लोगों का कहना है कि अब जब वो घर की छत पर होते है या फिर घर से बाहर निकलते है तो काफी अच्छा महसूस होता है। ताजी हवा में सांस लेने में काफी अच्छा लगता है। पहले नाक में जलन होती थी, लेकिन अब सब कुछ काफी अच्छा लगता है।


अबतक कोरोना के कारण जहां सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, वही कोरोना के दौरान लॉकडाउन से मात्र एक फायदा जो लोगों को मिला है, वह ताजी हवा है।


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