कुंवारें लड़कों ने बढ़ाई चीन की टेंशन, एक प्रोफेसर बोले- एक महिला को रखने चाहिए एक से ज्‍यादा पति

बीजिंग। चीन में एक प्रोफेसर ने ऐसी सलाह दे डाली है कि इसके बाद वहां एक नया विवाद खड़ा हो गया है। येव-क्वांग एनजी जो यूं तो मलेशिया के अर्थशास्‍त्री हैं लेकिन इस समय शंघाई की फुदान यूनिवर्सिटी में अर्थशास्‍त्र के प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं, उन्‍होंने यह परामर्श दिया है। उनकी इस सलाह के बाद चीन की सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। एनजी के मुताबिक चीन को एक से ज्‍यादा पति रखने की प्रथा को कानूनी मान्‍यता देनी चाहिए और इसे समर्थन देना चाहिए। उनका कहना था कि देश में जिस हिसाब से अविवाहितों की आबादी बढ़ती जा रही है, उस समस्‍या का समाधान इस एक उपाय से हो सकता है।

बढ़ रही अविवाहित पुरुषों की संख्या

दो जून को नेटईज फाइनेंस नामक एक वेबसाइट पर एक विवादित आर्टिकल आया था। बिजनेस न्‍यूज को प्राथमिकता देने वाली इस वेबसाइट पर आए इस अजब-गजब आर्टिकल में ही प्रोफेसर एनजी की बात को जगह दी गई थी। वेबसाइट पर आए एक आर्टिकल जिसका टाइटल था, 'क्‍या बहुपति प्राथा वाकई में एक बेतुका ख्‍याल है?' आर्टिकल दरअसल हर हफ्ते आने वाले एक कॉलम का हिस्‍सा था जिसमें रिलेशनशिप को लेकर बातें लिखी थीं। इस आर्टिकल में लिखा था कि चीन में लिंग अनुपात के मुताबिक 117 पुरुषों पर 100 महिलाएं हैं। यहां पर लैंगिंक असामनता है जिसकी वजह से पुरुषों में पत्नियों के लिए प्रतिद्वंदिता बढ़ गई है। जिनकी शादी नहीं हुई है उन्‍हें अपनी मनोवैज्ञानिक और शारीरिक जरूरतों को संतुष्‍ट करना जरूरी है।

पुरुषों को मिले वेश्‍यालय जाने की मंजूरी

आर्टिकल के मुताबिक देश के लिए यह एक गंभीर समस्‍या है। इसे दूर करने के लिए सेक्‍स वर्क को अपराध के दायरे से बाहर लाना होगा और साथ ही महिलाओं को मंजूरी देनी होगी कि वह एक से ज्‍यादा पति रख सकें। आर्टिकल में कहा गया था कि पुरुषों के लिए वेश्‍यालय बनाए जहां पर पुरुष जा सकें। आर्टिकल के मुताबिक बहुपति प्रथा का एक लंबा इतिहास रहा है और इस समय इसे लागू करने का अच्‍छा समय है। आर्टिकल में तिब्‍बत का उदाहरण दिया गया है और कहा गया है कि जब 1950 में चीन ने इस पर कब्‍जा किया तो बहुपति प्रथा को गैर-कानूनी करार दे दिया गया।

तीन पतियों के लिए खाना पकाना मुश्किल नहीं

आर्टिकल की मानें तो महिलाओं के अंदर पुरुषों की यौन इच्‍छा को संतुष्‍ट करने की क्षमता पुरुषों से ज्‍यादा होती है। आर्टिकल के मुताबिक घर के काम भी बहुत जरूरी है और तीन पतियों के लिए खाना बनाने में बहुत ज्‍यादा समय नहीं लगेगा। जितने समय में दो पतियों के लिए खाना पकाया जाता है, उतने ही समय में तीन पतियों के लिए भी खाना पकाया जा सकता है। मई में इसी वेबसाइट पर आए एक आर्टिकल में कहा गया था कि पतियों की शादी में धोखा देने की मानसिकता को खत्‍म नहीं किया जा सकता है और यह उनके स्‍वभाव में है।

आज भी बेटों को मिलती है तरजीह

चीन के नेशनल ब्‍यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स की तरफ से साल 2018 में आंकड़ें जारी किए गए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक 1.4 बिलियन की आबादी वाले चीन में महिलाओं की संख्या बस 34 मिलियन तक ही है। चीन के परिवारों में आज भी बेटों को प्राथमिकता दी जाती है। इसे यहां पर लैंगिक असामानता की सबसे बड़ी वजह माना गया। इसके अलावा चीन ने कई दशकों तक वन चाइल्‍ड पॉलिसी को अनिवार्य रखा और इसकी वजह से यहां पर कन्‍या भ्रूण हत्‍या को भी बढ़ावा मिला। लाखों दंपतियों ने बेटियों को जन्‍म देने से पहले ही खत्‍म कर दिया।

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