मोदी सरकार का BSNL को निर्देश- चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करें



चीन के खिलाफ देशभर में गुस्सा


 टेलीकॉम कंंपनियों को चीनी निर्भरता कम करने का आदेश


चीन को सबके सिखाने के लिए टेलीकॉम मंत्रालय का फैसला


लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन को लेकर देश में गुस्से का माहौल है. चीन को सबक सिखाने के लिए कई संगठनों ने चीनी सामान के बहिष्कार करने की मांग भी कर डाली है.

टेलीकॉम मंत्रालय का आदेश

इस बीच, अब टेलीकॉम मंत्रालय ने BSNL को चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने BSNL को निर्देश दिया है कि अपनी किर्यान्वन में चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करे. अगर कोई बिडिंग है तो उसपर नए सिरे से विचार करे.

इसके अलावा संचार मंत्रालय ने निजी कंपनियों को भी हिदायत दी है कि इस दिशा में वे भी नए सिरे से विचार करके पुख्ता निर्णय लें.

इंटरनेट कंपनियों में भारी चीनी निवेश

भारत की जितनी भी बड़ी इंटरनेट कंपनियां हैं, उसमें चीन का बहुत बड़ा निवेश है. आंकड़ों के मुताबिक टेलीकॉम इक्विपमेंट का बाजार 12 हजार करोड़ का है, जिसमें चाइनीज प्रोडक्ट का शेयर करीब 25 फीसदी का है.

टेलिकॉम कंपनियों के मुताबिक चीन के मुकाबले अगर वे अमेरिकी और यूरोपीय दूरसंचार उपकरणों को खरीदने का विचार करते हैं तो उनकी लागत 10-15% तक बढ़ जाएगी. लेकिन अब जब सरकार ने आगाह किया है तो फिर कंपनियों को इसे गंभीरता से लेनी होगी.

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