जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर करीब 6 हजार पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें तदर्थ प्रमोशन (Ad hoc promotion) का तोहफा दिया है. पदोन्नति सेलेक्शन लिस्ट में जिन पुलिसकर्मियों का नाम लिस्टेड हो गया था, लेकिन वे कोरोना के चलते प्रशिक्षण कोर्स पूरा नहीं कर पाए थे उन्हें सरकार ने प्रमोशन में छूट प्रदान की है. इसके लिए राज्य सरकार ने पुलिस सेवा नियमों में संशोधन किया है. राज्य के कार्मिक विभाग ने इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं.
कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार, कोविड-19 के बाद परिस्थितियां अनुकूल होने पर इन पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण कोर्स पूरा करना होगा. ऐसा नहीं करने पर अगला इंक्रीमेंट रोक दिया जाएगा. यदि इस दौरान कोई पुलिसकर्मी रिटायर हो जाता है तो उसको प्रशिक्षण कोर्स नहीं करना होगा. उसे प्रमोशन के सभी लाभ दिये जायेंगे. सरकार के इस निर्णय से कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल से एएसआई, एएसआई से एसआई और सीआई से डिप्टी एसपी को तदर्थ प्रमोशन मिलेगा.
पुलिस मुख्यालय ने भेजा था गृह विभाग के पास प्रस्ताव
दरअसल, करीब 2 महीने पहले पुलिस मुख्यालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ट्रेनिंग कोर्स रोक दिया था. इसके चलते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के प्रमोशन भी रुक गए थे. डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने एक प्रस्ताव बनाकर राज्य के गृह विभाग को भेजा था. उसमें कहा गया था कि कोविड-19 के मद्देनजर पुलिसकर्मियों का ट्रेनिंग कोर्स नहीं करवाया जा सकता. ऐसे में सरकार सेवा नियमों में संशोधन करे. गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करते हुए पुलिस सेवा नियमों में संशोधन कर दिया और करीब 6000 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग कोर्स पूरा हुई बिना ही तदर्थ प्रमोशन दे दिया. हालांकि इसमें कुछ शर्त भी लगाई है कि परिस्थितियां अनुकूल होने पर ट्रेनिंग कोर्स पूरा करना होगा.
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