कोरोना के कई प्रकार सामने आ रहे है। वैज्ञानिकों ने विभिन्न लक्षण के आधार पर 6 तरह की कोरोना वायरस बीमारी के बारे में पता लगाया है, जिनके लक्षणों का समूह अलग-अलग है। इस रिसर्च की मदद से वैज्ञानिकों को लक्षण के आधार पर वायरस के सही प्रकार को पहचानने में मदद मिलेगी।
मेडआरएक्सआइवी प्रीप्रिंट प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित इस अध्ययन में ब्रिटेन और अमेरिका में करीब 1,600 लोगों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। ये सभी लोग कोरोना से संक्रमित थे और नियमित रूप से एक एप पर अपने लक्षणों की जानकारी अपडेट करते थे।
इन आंकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण किया गया कि कौन-कौन से लक्षण एक साथ देखने को मिलते हैं और लक्षणों के हिसाब से वायरस का प्रसार कैसे होता है। किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ता क्लेयर स्टीव्स ने कहा, 'इस जानकारी के आधार पर ऐसे मरीजों की पहचान आसान होगी, जिनमें लक्षण ज्यादा गंभीर होने की आशंका है।'
ऐसे होते हैं लक्षण-
- बिना बुखार के फ्लू जैसे लक्षण
- बुखार के साथ फ्लू जैसे लक्षण
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट व आंत संबंधी)
- थकान के साथ पहले स्तर की गंभीरता
- भ्रम की स्थिति के साथ दूसरे स्तर की गंभीरता
- पेट एवं श्र्वसन तंत्र में दर्द के साथ तीसरे स्तर की गंभीरता
यह रिसर्च डॉक्टरों को यह समझने में मदद करेगा कि कैसे लक्षण वाले मरीजों में वायरस का संक्रमण ज्यादा गंभीर होने का खतरा है। इसमें शुरुआती तीन श्रेणी के लक्षण वालों में अधिकतम 4.4 फीसद लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। वहीं चौथे और पांचवें तरह के लक्षण वालों में क्रमश: 8.6 और 9.9 फीसद लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट देने की जरूरत पड़ती है। छठे लक्षण वालों में 19.8 फीसद तक लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ सकता है।
पहले लक्षण वाले महज 16 फीसद मरीजों को ही अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है, जबकि छठे लक्षण वालों में करीब आधे मरीजों को अस्पताल जाना पड़ता है। इसमें यह भी पाया गया कि चौथे, पांचवें और छठे प्रकार के लक्षण ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक देखे गए।
किंग्स कॉलेज लंदन के क्लेयर स्टीव्स ने कहा कि अगर बीमार होने के पांचवें दिन हम ये पता लगा लेते हैं मरीज कोरोना वायरस बीमारी के किस कैटेगरी में है तो वक्त रहते उनका बेहतर केयर किया जा सकता है।
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