नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) की नरमी के बावजूद घरेलू बाजार में ईंधन की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली में शनिवार यानी 18 जुलाई को पेट्रोल (Petrol Price in Delhi) की कीमत जहां 80.43 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है. वहीं डीजल 17 पैसे महंगा होकर 81.52 रुपये प्रति लीटर हो गया है. दिल्ली में डीज़ल (Diesel Latest Price) की कीमत अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर है. आपको बता दें कि प्रति दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं. पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है.
महंगी हो सकती है रोजमर्रा की चीज़ें- दिल्ली में कुछ दिनों पहले टमाटर 10-15 रुपये किलो बिक रहा था. वहीं, अब ये 80-100 रुपये किलो तक चला गया है. यही नहीं, अन्य हरी सब्जियां (Green vegetables) और आलू (Potato) भी उसी के पीछे-पीछे चलना शुरू कर दिया है.
गुरुग्राम, गंगटोक, सिलीगुड़ी और रायपुर में टमाटर 70-90 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है, जबकि गोरखपुर, कोटा और दीमापुर में 80 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव है. आंकड़ों के अनुसार, उत्पादक राज्यों में भी, हैदराबाद में कीमत मजबूत होकर 37 रुपये प्रति किग्रा है. चेन्नई में 40 रुपये किलो और बेंगलुरु में 46 रुपये किलो है.
कारोबारियों का कहना है कि माल ढुलाई बढ़ने से फल-सब्जियों की कीमत में और उछाल आना तय है. वहीं, एफएमसीजी वस्तुओं यानी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण माल ढुलाई में इजाफे का असर एकसाथ पूरे देश पर दिखाई देगा. इससे एफएमसीजी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा और वे कीमतों में बढ़ोतरी को मजबूर हो जाएंगी.
फल और सब्जियों की कीमतों में ढुलाई का हिस्सा दूसरी वस्तुओं के मुकाबले ज्यादा होता है. दरअसल, अलग-अलग किसानों के पास कम मात्रा में फल-सब्जी होती हैं. उन्हें अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है.
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